एम्बुलेंस चालक चुटकुले,गाना सुनाकर कोरोना का भय करते हैं दूर : मरीजों में होता है सकारात्मक ऊर्जा का संचार
नारायणपुर। देश में कोरोना संक्रमितों के बढ़ते ग्राफ से न सिर्फ लोगों की चिंता बढ़ती है, बल्कि आसपास डर का वातावरण भी बनता है. इस माहौल के बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो कोरोना संक्रमितों के बेहद करीब रहकर भी उनसे डरने की बजाए उनका हौसला बढ़ाते हैं. जिला चिकित्सालय नारायणपुर के एम्बुलेंस पायलेट (ड्राइवर) राजेश माने उन कोरोना वारियर्स में शामिल हैं, जिन्होंने पॉजिटिव पाए गये हर मरीज के पास सबसे पहले पहुंचकर उन्हें अस्पताल पहुंचाया. ये शख्स नारायणपुर जिले में पाये गये 25-30 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को घर से कोविड केयर सेंटर पहुंचा चुके हैं.
एम्बुलेंस के पायलेट राजेश माने एवं उनके सहकर्मियों ने बताया कि अस्पताल जाते समय कोरोना संक्रमित व्यक्ति अत्यधिक भयभीत रहता है. हम एंबुलेंस में उनसे सकारात्मक चर्चा कर उनके डर को दूर करने का प्रयास करते हैं. कोरोना मरीजों को बताते हैं कि अब तक कोरोना के सभी मरीज स्वस्थ होकर घर लौट आये हैं. उन्होंने बताया कि जब वे एक बार एक व्यक्ति को अस्पताल लेकर आ रहे थे जो मेरे से कम उम्र के व्यक्ति था बहुत डरा हुआ था. मैंने बड़े भाईयों की तरह उसे स्नेह दिया और भरोसा दिलाया कि तुम कुछ ही दिन में स्वस्थ होकर घर लौटोगे. मैने उसे गाने, कहानियां सुनाकर उसका ध्यान बटाया और चुटकुले सुनाकर उसे हंसाया भी.
पायलट राजेश ने बताया कि जब हम पहले कोरोना संक्रमित मरीज को लेने उसके घर पहुंचते है, तब हमें भी मन में थोड़ा डर रहता है, लेकिन पूरी एहतियात के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ने लगा तो चुनौती और भी बढ़ गयी हैं. गर्मी में पीपीई किट पहनकर ड्यूटी करने से कभी-कभी चक्कर व डिहाइड्रेशन की समस्या होती है. लेकिन हम यह संकल्प ले चुके हैं, कि इस अप्रत्याशित कोरोना काल में ईश्वर ने हमें सेवा का जो अवसर दिया है उसे जिम्मेदारी व समर्पण के साथ पूरा करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने विडियो संदेश में स्वास्थ्य, पुलिस एवं सफाई कर्मियों द्वारा विषम परिस्थिति में जो सेवाभाव व समर्पण दिखा रहे हैं, उसकी हौसल अफजाई करते हुए तारीफ भी की थी. जिससे राजेश माने और उनके साथी में नये उत्साह का संचार हुआ था.
पायलट राजेश ने बताया कि जब हम कोरोना संक्रमित मरीज को एम्बुलेंस में लेकर कोविड केयर सेंटर ले जाते हैं, तो इस दौरान उनसे बातचीत भी करते हैं. बातचीत में कोरोना संक्रमित मरीजों बताते है कि कोरोना से बचने के लिए सुरक्षा रखना बहुत जरूरी है. अपने बचाव के लिए मास्क का उपयोग, हाथों को साबुन या सेनेटाइजर से समय-समय पर साफ-करना, सोशल एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए. इसके साथ ही शासन द्वारा कोविड-19 को लेकर जारी की गयी एडवाइजरी का भी पालन अनिवार्य रूप से करना चाहिए. हम लोगों ने इसमें लापरवाही बरती, इसीलिए हम लोग कोरोना से संक्रमित हो गये हैं. माने ने बताया कि मरीज को ले जाने से पहले सुरक्षा के सभी उपाय किये जाते हैं. जिसमें पीपीई पहनना, दस्ताने, मास्क, शू-कवर आदि शामिल होता है. कोविड केयर सेंटर पहुंचने के बाद वहां एम्बुलेंस को पूरी तरह से सेनेटाइज भी किया जाता है. उन्होंने बताया कि स्वयं और मरीजों के पीने के लिए गर्म पानी भी रखते हैं.
राजेश ड्यूटी के बाद घर जाते हैं, तो बाहर ही गर्म पानी से कपड़े धोने व नहाने के बाद ही घर में प्रवेश करते हैं. परिवार को संभावित खतरे से बचाने के लिए उनसे पर्याप्त दूरी बनाकर रखते हैं और बाहरी लोगों से दूरी बनाकर रहते हैं. उनसे कम ही मिलते हैं.