‘नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी‘ : नरवा विकास की योजना भू-जल के संरक्षण और संवर्धन में काफी मददगार: मोहम्मद अकबर
०० वन विभाग द्वारा राज्य में 137 नालों को पुर्नजीवित कर ढाई लाख हेक्टेयर भूमि को किया जा रहा उपचारित
०० नालों में 160 करोड़ से बनाए जा रहे चेकडेम, स्टाप डेम तथा कन्टूर ट्रैन्च आदि विभिन्न संरचनाएं
रायपुर| राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना ‘नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी‘ के अंतर्गत नरवा विकास कार्यक्रम में वन विभाग
द्वारा वर्ष 2019-20
में राज्य के 137 छोटे-बड़े नालों को लगभग 160 करोड़ रूपए की लागत राशि से पुर्नजीवित करने का कार्य
जारी है। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने आज यहां बताया कि इसके तहत नालों में 56 हजार 709 विभिन्न संरचनाओं के माध्यम से दो लाख 44 हजार 690
हेक्टेयर भूमि को उपचारित करने का लक्ष्य है। इन संरचनाओं में ब्रशवुड चेकडेम, लूज बोल्डर चेकडेम, स्टाप डेम, चेकडेम, तालाब तथा स्टाप डेम आदि कार्य का निर्माण किया
जाएगा। वन मंत्री श्री अकबर ने कहा कि इसमें नालों के संरक्षण तथा संवर्धन और भूमि
कटाव को रोकने संबंधी किए जा रहे विभिन्न कार्य भू-जल के संरक्षण और संवर्धन में
काफी मददगार साबित होंगे।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़
के चहुंमुखी विकास के लिए नरवा विकास की कल्पना को साकार करने की महत्वपूर्ण योजना
बनाई गई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि कैम्पा मद
के तहत स्वीकृत राशि से नरवा विकास योजना का कार्य वन विभाग द्वारा तेजी से
संचालित किया जा रहा है। इस संबंध में कैम्पा के मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री
व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि राज्य के 24 जिलों के 31
वनमण्डलों, एक
राष्ट्रीय उद्यान,
दो टाईगर रिजर्वों और एक एलीफेंट रिजर्व के
अंतर्गत कुल 137
छोटे-बड़े नालों को पुर्नजीवित किया जाएगा।
इससे वन क्षेत्रों मंे भू-जल संरक्षण तथा जल स्त्रोतों को पुर्नजीवित करने के लिए
नरवा विकास योजना के सफल क्रियान्वयन पर तेजी से कार्यवाही की जा रही है। इसके तहत
वन क्षेत्रों के चयनित नालों में बनाए जा रहे 56 हजार 709
विभिन्न संरचनाओं में से सबसे अधिक 30 हजार 206 सी.सी.टी. कन्टूर ट्रैन्च बनाए जाएंगे। इसके बाद 16 हजार 331 लूज बोल्डर चेकडेम तथा 4 हजार
376 एस.सी.टी. कन्टूर ट्रैन्च बनाए जाएंगे। वन विभाग
द्वारा नरवा विकास कार्यक्रम के तहत उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले में 9 करोड़ 55 लाख रूपए की लागत राशि से 5 नालों
को पुर्नजीवित करने का कार्य किया जा रहा है। इसी तरह कोण्डागांव जिले में 4 करोड़ 6 लाख
रूपए की राशि पांच नालों,
नारायणपुर जिले में एक करोड़ 40 लाख की लागत राशि से दो नालों और राजनांदगांव जिले
में 7 करोड़ 61 लाख रूपए की लागत राशि से 11 नालों को पुर्नजीवित किया जा रहा है। कबीरधाम जिले में दो करोड़ 43 लाख रूपए की लागत राशि से तीन नालों, बालोद जिले में एक करोड़ 62 लाख रूपए की लागत से एक नाला, बस्तर जिले में 8 करोड़
63 लाख लागत राशि से दस नालों, दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले में दो करोड़ 50 लाख रूपए की लागत राशि से दो नालों, सुकमा जिले में दो करोड़ 50 लाख रूपए की राशि से दो नालों और बीजापुर जिले में 8 करोड़ 40 लाख रूपए की लागत से 4 नालों
को पुर्नजीवित किया जा रहा है। इसी
तरह बिलासपुर जिले में 23
करोड़ 17 लाख रूपए की लागत राशि से 17 नालों,
रायगढ़ जिले में 10 करोड़ 24 लाख रूपए की लागत राशि से 9 नालों, कोरबा जिले में 13 करोड़ 13
लाख रूपए की लागत राशि से 4 नालों, मुंगेली
जिले में एक करोड़ 39
लाख रूपए की लागत राशि से एक नाला, जांजगीर-चांपा जिले में 4 करोड़ 54 लाख रूपए की लागत राशि से दो नालों और सरगुजा जिले में 7 करोड़ 3 लाख
रूपए की लागत राशि से 10
नालों को पुर्नजीवित किया जा रहा है। इसके
अलावा सूरजपुर जिले में 2
करोड़ 57 लाख रूपए की लागत राशि से 4 जिलों, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 8 करोड़ 85 लाख रूपए कीलागत राशि से 8 नालों, कोरिया जिले में 19 करोड़ 47 लाख रूपए की लागत राशि से 7 नालों
को पुर्नजीवित किया जा रहा है। इसी
तरह जशपुर जिले में 3
करोड़ 62 लाख रूपए की लागत राशि से 8 नालों, गरियाबंद जिले में दो करोड़ 24 लाख रूपए की लागत राशि से दो नालों तथा महासमुन्द
जिले में दो करोड़ 3
लाख रूपए की लागत राशि से 7 नालों को पुर्नजीवित किया जा रहा है। धमतरी जिले में
7 करोड़ 41 लाख रूपए की लागत राशि से चार नालों और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 5 करोड़ 32 लाख रूपए की लागत राशि से 9 नालों
को पुर्नजीवित किया जा रहा है।