सरपंच पति का रोल ख़त्म : पंचायत के कार्यों में महिला पदाधिकारियों के रिश्तेदार हस्तक्षेप नही कर सकेंगे
बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के कई जिला,जनपद और ग्राम पंचायतों में महिला जनप्रतिनिधियों के स्थान पर उनके घर या परिवार के पुरुष के सदस्यों का लगातार हस्तक्षेप देखा जाता हैं। इसको लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया हैं।
जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमति रीता यादव ने बताया कि पंचायत कार्यालय (जिला पंचायत, जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायत) परिसर के भीतर महिला पंचायत पदाधिकारियों को पंचायत के किसी कार्य में उनके सगे संबंधी अथवा रिश्तेदार हस्तक्षेप नही कर सकेंगे। हस्तक्षेप करने पर संबंधित महिला पंचायत पदाधिकारी के विरूद्ध पंचायत राज अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।
उन्होने बताया कि पंचायतराज अधिनियम के तहत निर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों के पंचायत के कामकाज यथा नियोजन, क्रियान्वयन एवं नियत्रण आदि में स्वंय निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है।
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं में महिला पदाधिकारियों की भागीदारी हेतु 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इस संबंध में उन्होने जिले के समस्त 429 ग्राम पंचायतों के पंचायत सचिवो को उनके ग्राम पंचायत के संबंधित समस्त निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अवगत कराने और पंचायतों में होने वाले सम्मेलन में महिला पदाधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है।