December 23, 2024

..और अब आलू 50 रुपये किलो के पार, कोरोना काल में सब्जी खाना मुहाल

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रायपुर ।  कोरोना काल में आमलोगों के लिए सब्जी खाना मुहाल हो गया है।  बरसात के मौसम में हरी सब्जियों की महंगाई तो हर साल रहती है, लेकिन इस साल आलू का दाम भी लगातार आसमान छू रहा है।  आलू का भाव 50 रुपये किलो के पार चला गया है।  प्याज और टमाटर के दाम में भी लगातार इजाफा हो रहा है। राजधानी रायपुर में लगभग सभी सब्जियां 80 रुपये प्रति किलो की दर से मिल रही हैं। 


छत्तीसगढ़ में फलों और सब्जियों की सबसे बड़ी मंडी राजधानी स्थित शास्त्री बाजार में सोमवार को आलू का थोक भाव 13 रुपये से 52 रुपये प्रति किलो हो गया है।  बीते दो महीने में आलू के थोक दाम में 50 से 150 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। 

प्याज का थोक भाव शास्त्री मार्केट  में 10 रुपये से 20 रुपये प्रति किलो और टमाटर का 13 रुपये से 52 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया।  थोक कारोबारियों ने बताया कि आवक कम होने की वजह से आलू, प्याज, टमाटर व अन्य सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ है। 

बीते तीन महीने में तमाम हरी सब्जियों की कीमतें दोगुनी-तिगुनी तक बढ़ गई, जिससे आम लोगों के लिए सब्जी खाना मुश्किल हो गया है. शंकर नगर निवासी व आईटी प्रोफेशनल सुरभि ने बताया कि पहले जितनी सब्जियां 100 से 200 रुपये में आती थीं, उतनी के लिए अब 300 से 400 रुपये खर्च करना पड़ता है। 

सब्जी विक्रेता अखिलेश कुमार ने बताया कि दाम बढ़ने से लोगों ने सब्जी खरीदना कम कर दिया है. उन्होंने कहा कि जो उपभोक्ता पहले दो किलो सब्जी खरीदते थे, वे अब सिर्फ एक किलो ही खरीद रहे हैं। 

उपभोक्ता नीरज ने कहा कि हरी सब्जियां महंगी होने पर गरीब-अमीर सबके लिए आलू एक बड़ा सहारा होता था, लेकिन अब तो आलू का भाव भी आसमान चढ़ गया है, जिस कारण आमजनों के लिए सब्जी खाना मुहाल हो गया है। 

आलू के दाम में हो रही बढ़ोतरी से सरकार भी चिंतित है. सूत्रों ने बताया कि गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बीते सप्ताह मंत्रिसमूह की बैठक में भी आलू की महंगाई को लेकर चर्चा हुई। बता दें कि कोरोना काल में मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर किसानों के हित में तीन महत्वपूर्ण कानूनी सुधारों को अमलीजामा पहनाया, जिनमें आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन भी शामिल है. इस संशोधन के जरिए आलू, प्याज, दलहन, तिलहन व खाद्य तेल को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से हटा दिया है। 

सब्जियों के थोक विक्रेता राजेंद्र सोनकर ने बताया कि बरसात के कारण आलू की फसल लगने और तैयार होने में विलंब होने के अंदेशे से कीमतों में इजाफा हो रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज में आलू के स्टॉक में कमी नहीं है, लेकिन बरसात के कारण अगली फसल में विलंब होने के अंदेशे से कीमतों में तेजी आई है. उन्होंने बताया कि आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में भारी बारिश के कारण प्याज की तैयार फसल खराब होने से प्याज के दाम में भी तेजी आई है।  

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