बिना जोगी मरवाही की जंग : अमित ने कहा – सरकार के इशारे पर कार्रवाई, जरूरत पड़ी तो चुनाव रद्द कराएंगे
बिलासपुर । मरवाही के पूर्व विधायक व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने अपने और अपनी पत्नी ऋचा जोगी के नामांकन को निरस्त किये जाने को राज्य सरकार के इशारे पर की गई कार्रवाई बताया। इधर जोगी परिवार के दोनों प्रत्याशियों के मैदान से बाहर हो जाने के बाद एक जनपद सदस्य पुष्पा तंवर को पार्टी का बी-फॉर्म दिये जाने की संभावना जताई जा रही है।
गौरेला में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे शुरू दिन से कहते आ रहे हैं कि जिला निर्वाचन अधिकारी यहां पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष की तरह कार्य करते आ रहे हैं। आज जिस तरह से मेरा नामांकन निरस्त किया गया उससे यह साफ हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रावधान है कि यदि किसी दस्तावेज का अध्ययन करना हो तो दावेदार को समय दिया जा सकता है। हमने दो दिन का समय मांगा था जो हमें नहीं दिया गया। हमें उच्च स्तरीय छानबीन समिति के उस आदेश को पढऩे भी नहीं दिया गया, जिसमें हमारे जाति प्रमाण पत्र को निरस्त किया गया।
अमित जोगी ने कहा कि वे पहले ही चुनाव लडऩे से रोकने के लिये अपनाये जा रहे हथकंडे को लेकर आशंकित थे और वे कोर्ट जा चुके हैं। निर्वाचन अधिकारी की अदालत अंतिम नहीं है वे न्याय के लिये देश की सबसे बड़ी अदालत में जा रहे हैं जरूरत पड़ी तो हम निर्वाचन को ही रद्द करायेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी के निधन से रिक्त हुई मरवाही सीट पर अब जकांछ की ओर से कौन प्रत्याशी होगा, इस पर पार्टी की ओर से कोई खुलासा नहीं किया गया है। सूत्रों के मुताबिक जनपद सदस्य पुष्पा तंवर को पार्टी उम्मीदवारी दे सकती है।
ज्ञात हो कि मरवाही में 3 नवंबर को होने वाले मतदान के लिये जमा नामांकन पत्रों की आज स्क्रूटनी गौरेला स्थित जिला निर्वाचन कार्यालय में हुई। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस को सबसे पहला झटका तब लगा जब कांग्रेस प्रत्याशी की ओर से राज्य स्तरीय जाति छानबीन समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर अमित जोगी द्वारा प्रस्तुत जाति प्रमाणपत्र के शून्य होने की जानकारी दी।
निर्वाचन अधिकारी ने कुछ देर समय लेने के बाद अमित जोगी का नामांकन निरस्त कर दिया। इसके बाद ऋचा जोगी का नामांकन भी रद्द कर दिया। उनका गोंड जाति प्रमाणपत्र बीते दिनों मुंगेली की सत्यापन समिति ने निलम्बित कर दिया था। निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि उनका नामांकन विधि सम्मत नहीं है। कांग्रेस की ओर से दलील दी गई कि निलम्बित जाति प्रमाणपत्र का इस्तेमाल कर चुनाव नहीं लड़ा जा सकता।