November 29, 2024

जो लोग कश्मीर और दार्जिलिंग नहीं जा सकते हैं उन्हें जशपुर आना चाहिए: किरणमयी नायक

जशपुर।  राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि प्रदेश के वे लोग जो कश्मीर और दार्जिलिंग नहीं जा सके हैं, वे जशपुर आकर वहां के जैसा आनंद ले सकते हैं. चाय का बागान भी उन्हें आकर्षक लगा. उन्होंने सौंदर्यता की तारीफ करते हुए कहा कि वे जशपुर पहली बार आई हैं और उन्हें यह जगह बहुत पसंद आई है. अगली बार वे 3 से 5 दिनों का वक्त निकालकर जशपुर आएंगी. उन्होंने जशपुर की तारीफ करने के बाद सड़क की बदहाली पर अपनी बात रखते हुए कहा कि इतना सुंदर जशपुर देखने आने वालों के लिए अच्छी सडक़ भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सड़क की बदहाली के संबंध में सरकार से चर्चा करूंगी और जल्द से जल्द निर्माण हो सके, उसके लिए पहल करूंगी.   


छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने पनचक्की वन धन केंद्र और सारुडीह चाय बागान का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने पनचक्की वन धन केंद्र में स्वसहायता समूह की महिलाओं की ओर से बनाए जा रहे महुआ सैनिटाइजर का अवलोकन करते हुए निर्माण प्रक्रिया के संबंध में जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने जिले में सड़कों की बदहाल स्थिति को लेकर भी चिंता जाहिर की है. 


पनचक्की में स्थित वन धन केंद्र की महिला ने किरणमयी नायक को महुआ से सैनिटाइजर बनाने की पूरी प्रक्रिया समझाई. उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान अप्रैल महीने से सैनिटाइजर बनाया जा रहा है और अब तक उन्होंने लगभग 18 लाख रुपए का सैनिटाइजर शासकीय संस्थाओं सहित व्यवसायियों को विक्रय किया है. जिससे उन्हें लगभग 12 लाख रुपए का लाभ हुआ है. समूह की महिलाओं ने उन्हें मधुकम सैनिटाइजर भेंट किया.


इस दौरान किरणमयी नायक ने सरुडीह के चाय बागान का भी निरीक्षण किया. बागान का मुआयना करते हुए उन्होंने छत्तीसगढ़ को असम की उपाधि दी. उन्होंने बागान में काम करने वाली मधु तिर्की से उनके कार्यों, पत्तियों से ग्रीन टी और नॉर्मल चायपत्ती निर्माण की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली. मधु ने बताया कि चाय बागान 20 एकड़ में फैला हुआ है. जहां 2 महिला समूह की 20 महिलाएं काम करती हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल उन्होंने लगभग 10 लाख रुपए की चायपत्ती का निर्माण किया था. जिसका विक्रय किया जा रहा है. मधु ने बताया कि यहां बागान में हर साल हजारों पर्यटक घूमने आते हैं, जिससे उन्हें पिछले साल लगभग डेढ़ लाख रुपए की आमदनी हुई थी. किरणमयी नायक ने महिलाओं के काम की प्रशंशा करते हुए उन्हें अच्छे से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया.

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