रात के अंधेरे में हो रही धान तस्करी, सुबह होते ही खपा दिए जाते हैं धान
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत 1 दिसंबर से शुरू हो गई है. नवगठित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में 11 सहकारी समितियों के 17 धान खरीदी केंद्रों में 14 हजार 771 कृषकों का पंजीयन हुआ. अब तक 36 हजार 25 क्विंटल धान खरीदी कर ली गई है. सीमावर्ती दूसरे प्रदेश से अवैध धान परिवहन रोकने के लिए 11 बैरियर भी प्रशासन ने लगाए हैं. अब तक 6 केस भी अवैध धान के दर्ज हुए हैं. प्रशासन का दावा है कि धान खरीदी बेहतर चल रही है. सीमावर्ती क्षेत्र के किसानों की मानें तो धान तस्कर अभी भी रात के अंधेरे में दूसरे प्रदेश से धान लाकर छत्तीसगढ़ के किसानों के पट्टे के माध्यम से यहां के खरीदी केंद्रों में खपा रहे हैं. इसे रोकने में प्रशासन की तैयारी सिर्फ खानापूर्ति लग रही है.
जिले में अब तक 2 हजार 411 किसानों को जिले में अब तक टोकन जारी किए जा चुके हैं. जिले में अब तक 36 हजार 25 क्विंटल धान की खरीदी 17 धान उपार्जन केंद्र में की गई है. सभी केंद्रों में सुचारू रूप से धान खरीदी जारी है. सीमावर्ती राज्य मध्यप्रदेश से आने वाला अवैध धान प्रदेश में ना खपाया जा सके, इसके लिए प्रशासन ने 11 चेक पोस्ट बनाए हैं. जहां लगातार चेकिंग की जा रही है. प्रशासन की मानें तो अब तक उन्होंने अवैध धान परिवहन के 6 केस भी बनाए हैं और 1986 क्विंटल धान भी जब्त किया गया है.
प्रशासन की मानें तो कुछ खरीदी केंद्र में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. सीमावर्ती चेकपॉइंट में पुलिस के साथ राजस्व विभाग की टीम भी सतत निगरानी कर रही है. मध्यप्रदेश से लगे छत्तीसगढ़ के गांवों में रहने वाले किसानों की मानें तो रात के अंधेरे में धान की तस्करी मध्यप्रदेश से हो रही है. रात में 10-11 बजे के आसपास तो कभी तड़के सुबह 4 बजे धान मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ लाया जाता है और रात के अंधेरे में ही धान किसान के खलिहान में गिर जाता है. किसानों के पट्टे के साथ धान खरीदी केन्द्र में खपा दिया जाता है. ग्रामीण किसानों की मानें तो बैरियर पर ड्यूटी करने वालों को भी धान तस्कर अपने झांसे में लेकर काम करते हैं.