November 25, 2024

21 शिक्षक आठ साल से गायब : 50-50 लाख डकारे, अब नौकरी से किनारा

गोरखपुर। बेसिक शिक्षा विभाग में 21 शिक्षक बिना ड्यूटी किए वेतन डकारते रहे। आठ साल में इन्हें 50-50 लाख से ज्यादा का भुगतान हो गया। जून 2019 में खेल पकड़े जाने के बाद वेतन रोकते हुए इन्हें नोटिस दिया गया तो किसी ने जवाब नहीं दिया। अब बर्खास्तगी के नोटिस पर अजब-गजब जवाब आ रहे हैं। कोई कह रहा है कि अब नौकरी नहीं करनी तो किसी को पारिवारिक दिक्कतों की वजह से मोहलत चाहिए। इतना ही नहीं 10 शिक्षकों ने तो जवाब ही नहीं दिया जबकि इसके लिए 31 दिसंबर तक मियाद तय की गई थी।

बीएसए बीएन सिंह ने 25 जून 2019 को 21 ऐसे शिक्षकों को पकड़ा जो आठ साल से गायब चल रहे थे और वेतन उनके नाम बन रहा था। इसके बाद बीएसए ने इन सभी शिक्षकों को नोटिस भेजते हुए प्रमाणपत्रों के साथ उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने की हिदायत दी। बावजूद इसके कोई शिक्षक उपस्थित नहीं हुआ। इसके बाद बीएसए की तरफ से नियमानुसार दो बार और पहली फरवरी 2020 और 6 फरवरी 2020 को नोटिस भेजा गया। इसके बाद भी कोई शिक्षक उपस्थित नहीं हुआ। अंत में विभाग की तरफ से इन सभी शिक्षकों का नाम बर्खास्तगी की नोटिस के साथ विज्ञापन निकलवाया गया और 31 दिसंबर 2020 तक उपस्थित होने को कहा।

ज्वानिंग के लिए उपस्थित हुए आठ शिक्षक

बर्खास्तगी के विज्ञापन प्रकाशन के बाद से आठ शिक्षकों ने अपने प्रमाण पत्रों के साथ विभाग में उपस्थित होकर ज्वानिंग की इच्छा जतायी है। हालांकि विभाग की तरफ से अभी उनकी अनुपस्थित होने की जांच चल रही है।

तीन ने नौकरी नहीं करने का भेजा है शपथ पत्र

लापता तीन शिक्षिकाओं ने शपथपत्र भेजते हुए नौकरी नहीं करने की बात कही है। एक ने कारण में लिखा है कि उसकी शादी हो गयी है और पति मुम्बई में रहते हैं। इस वजह से वह नौकरी नहीं करना चाहतीं। दूसरी ने शपथपत्र के साथ जवाब दिया है कि उनकी शादी अलीगढ़ हो गयी है। इसलिए वह नौकरी नहीं करना चाहती हैं। वहीं तीसरी शिक्षिका ने पारिवारिक और शारीरिक समस्या बताई है। हालांकि विभाग की तरफ से अभी इन शिक्षकों को एक बार और नोटिस भेजे जाने की तैयारी चल रही है।

10 शिक्षकों का नहीं आया है कोई जबाब

10 शिक्षकों की तरफ अभी तक विभाग को कोई जवाब नहीं मिला है। जब कि विभाग ने स्पष्टीकरण के लिए 31 दिसंबर 2020 तक का समय दिया था। अब विभाग बेसिक शिक्षा परिषद सचिव और विधि सलाह लेते हुए कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

सभी शिक्षकों के मूल प्रमाण पत्रों की होगी जांच

विभाग अब इन सभी शिक्षकों के मूल प्रमाण पत्रों की जांच कराएगा। विभाग का मनना है कि चार बार नोटिस भेजे जाने के बाद भी ये शिक्षक अभी तक उपस्थित नहीं हुए हैं। इसलिए इन शिक्षकों को एक और नोटिस भेजकर इनके मूल प्रमाण पत्रों की जांच करायी जाएगी।

अंतिम नोटिस के बाद आठ शिक्षकों ने ज्वानिंग की इच्छा जताते हुए जवाब दिया है। तीन शिक्षिकाओं ने नौकरी नहीं करने की बात कही है जबकि 10 शिक्षकों ने कोई जबाब नहीं दिया है। इसलिए इनके मूल प्रमाणपत्रों की जांच करायी जाएगी। इसके लिए बेसिक सचिव से मार्गदर्शन और विधि सलाह लिया जाएगा। बीएन सिंह, बीएसए

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