बिलासपुर कमिश्नर संजय अलंग को उत्कृष्ट शिक्षा लेखन के लिए मिला सम्मान
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संभाग आयुक्त डॉ. संजय अलंग को राष्ट्रीय स्तर सम्मान मिला है. उन्हें शोध के सर्वश्रेष्ठ कार्य और उत्कृष्ट शिक्षा लेखन के लिए केंद्र सरकार ने एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया है. यह पुरस्कार उनकी लोकप्रिय पुस्तक ‘छत्तीसगढ़: इतिहास और संस्कृति’ वर्ष 2016 के लिए दिया गया है. यह पुस्तक पहले ही अपने शोध और पठनीय होने के कारण लोकप्रिय है. आज प्राप्त प्रमाण-पत्र में इसे मौलिक योगदान कहा गया है. यह प्रमाण पत्र आज डॉ. संजय अलंग को प्राप्त हुआ.
पुस्तक में छत्तीसगढ़ के इतिहास और संस्कृति का जिक्र है. इसमें छत्तीसगढ़ के सभी भागों, जिन्हें खालसा, रियासत और जमींदारी कहा जाता रहा, उनका इतिहास सामने आया है. इस पुस्तक में शोध कर कई तथ्यों पर स्पष्ट प्रकाश डाला गया है. गढ़ और छत्तीस क्या है? रियासत और जमींदारी क्या है? छत्तीसगढ़ नाम ही क्यों? आदि कई प्रश्नों के उत्तर शोध और तर्क के साथ दिए गए हैं.
डॉ. संजय अलंग छत्तीसगढ़ के इतिहास और संस्कृति पर विशेष अध्येता और विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते हैं. छत्तीसगढ़ पर उनकी 10 से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हैं. उनके द्वारा छत्तीसगढ़ पर लिखी अन्य पुस्तकें भी बहुत लोकप्रिय हैं. छत्तीसगढ़ की रियासतें और जमींदारियाँ, छत्तीसगढ़ की जनजातियां और जातियां, छत्तीसगढ़: भूगोल और संसाधन आदि कई पुस्तकें लोकप्रिय हैं. डॉ. सुमिता अलंग के साथ उनकी दो पुस्तकें चर्चित हुई. बता दें कि डॉ. सुमिता को केंद्रीय संस्कृति विभाग की शोध फैलोशिप मिली थी और वे एक प्रख्यात फाइन आर्ट पेंटर हैं. संजय अलंग एक स्थापित और ख्यात कवि भी हैं. उनकी तीन कविता संग्रह की पुस्तकें-‘नदी उसी तरह सुंदर थी जैसे कोई बाघ’, ‘पगडंडी छिप गई थी’ और ‘शव’ प्रकाशित हो चुकी है.