November 29, 2024

सैटेलाइट से अंतरिक्ष में भेजी जाएगी भगवद गीता और PM मोदी की तस्वीर, 28 फरवरी को ISRO करेगा लॉन्च

नई दिल्ली।  साल 2021 के अपने पहले मिशन के तहत भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) 28 फरवरी को ब्राजील के सैटेलाइट अमेजोनिया-1 और 20 अन्य सैटेलाइटों को लॉन्च करेगी. इन सैटेलाइटों में से एक भारतीय स्टार्टअप द्वारा निर्मित है. जबकि यह मिशन एक और तरीके से बहुत खास है. दरअसल इस मिशन में भगवद गीता (Bhagavad Gita), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की तस्वीर और 25,000 व्यक्तियों के नाम सतीश धवन सैटेलाइट (Satish Dhawan Satellite) या एसडी सैट (SD SAT) द्वारा अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक प्रक्षेपण चेन्नई से 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह दस बजकर 23 मिनट पर ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) सी-51 के माध्यम से किया जायेगा. हालांकि लॉन्च का वक्त मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगा.

पीएसएलवी सी-51/अमेजोनिया-1 भारत सरकार की अंतरिक्ष विभाग के तहत आने वाली कंपनी न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) का पहला समर्पित वाणिज्यिक मिशन है. एनएसआईएल इस मिशन को स्पसेफ्लाइट इंक. यूएसए के साथ वाणिज्यिक समझौते के अधीन अंजाम दे रही है.

अमेजोनिया-1 ब्राजील के नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्पेस रिसर्च (आईएनपीई) का पृथ्वी निगरानी ऑप्टीकल उपग्रह है. इसके साथ प्रक्षेपित किए जानेवाले 20 अन्य उपग्रहों में ‘आनंद’, ‘सतीश धवन उपग्रह’ और ‘यूनिटीसैट’ भी शामिल हैं.

‘आनंद’ का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप, पिक्सल और ‘सतीश धवन सैटेलाइट’ का निर्माण चेन्नई आधारित स्पेस किड्स इंडिया ने किया है. स्पेस किड्ज एक ऐसा संगठन है, जो देश के लिए युवा वैज्ञानिकों को तैयार कर रहा है. यह बच्चों में विज्ञान विषय में रूचि बढ़ाने से लेकर उनके बीच जागरूकता भी फैला रहा है. भारतीय रॉकेट वैज्ञानिक की 100वीं जयंती मनाने के लिए सैटेलाइट को सतीश धवन नाम दिया गया है.

स्पेस किड्स इंडिया (SpaceKidz India) की संस्थापक सीईओ श्रीमती केसन (Dr Srimathy Kesan) ने कहा “अभी ग्रुप में बहुत उत्साह है. यह अंतरिक्ष में तैनात होने वाला हमारा पहला सैटेलाइट होगा. मिशन को अंतिम रूप देते समय हमने लोगों से अंतरिक्ष में भेजने के लिए उनके नाम मांगे थे. जिसके एक सप्ताह के भीतर हमें 25,000 लोगों के नाम मिले. इनमें से 1,000 नाम भारत के बाहर के लोगों द्वारा भेजे गए थे. हमने ऐसा करने का फैसला इसलिए किया क्योंकि इससे मिशन और अंतरिक्ष विज्ञान में लोगों की रुचि बढ़ेगी.”

‘यूनिटीसैट’ तीन सैटेलाइटों का मेल है जो जेप्पियार इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, श्रीपेरुमबदूर, जी एच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और श्री शक्ति इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर का संयुक्त उपक्रम है.

इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने पूर्व में कहा था कि यह मिशन पूरे देश के लिए एक विशेष मिशन है और यह अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार के एक ‘नए युग’ की शुरुआत है. उन्होंने बीते साल दिसंबर महीने में कहा था कि 2021 में स्पेस किड्ज टीम की ओर से तैयार किए जाने वाले दो और संचार सैटेलाइटों को लॉन्च किए जाने की योजना बनाई जा रही है.

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