कोरोना से बचने के लिए सतर्क रहने के अलावा कोई रास्ता नहीं : सिंहदेव
रायपुर। छत्तीसगढ़ में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल 15 फरवरी से खोले जा चुके हैं. लेकिन अब प्रदेश के कई स्कूलों में बच्चों के कोरोना पॉजिटिव आने की सूचना लगातार मिल रही है. जिसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि इसके लिए सावधानी ही बचाव है. इससे बचने के लिए सतर्क रहने के अलावा और कोई रास्ता नहीं हैं।
मंत्री सिंहदेव ने कहा कि कैबिनेट ने सोच समझकर यह रिस्क लिया है. क्योंकि स्कूल बंद रहने के दौरान ये बातें सामने आ रही थी कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण की बात है. इस बीच में एक कड़ा और कठिन फैसला कैबिनेट में लेना पड़ा कि 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूल फिर से शुरू किए जाएं. वो भी स्वेच्छा से. ये कोई जरूरी नहीं था कि बच्चों को स्कूल भेजना ही है. ये फैसला बच्चों के अभिभावकों पर है.
सिंहदेव ने कहा कि स्कूल नहीं खोले जाने पर भी सरकार पर यह दबाव था, कि पढ़ाई नहीं हो रही. बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए स्कूल खोले गए थे. बाकी इसके लिए एहतियात के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं है.
मंत्री ने कहा कि जो संस्थाएं हैं उन्हें अपने सभी टीचर्स की कोरोना टेस्टिंग करा लेनी चाहिए. जो बच्चे आ रहे हैं उन्हें एहतियात बरतने को भी कहा गया है. गाइडलाइन भी जारी हुई है कि किसी को भी ऐसे लक्षण दिखते हैं तो उन्हें स्कूल आने से मना कर दिया जाए. उनकी टेस्टिंग कराई जाए. जिन्हें हल्के स्तर का संक्रमण है, लक्षण नहीं दिख रहे और वे कोरोना को लेकर चल रहे हैं, ऐसे में मास्क पहनना और एक दूसरे से दूरी बना कर रखना यही एक विकल्प है.
टीएस सिंहदेव ने कहा कि ये स्थिति आम भी है. जब कैबिनेट में यह बात आई सभी ने अपना तर्क रखा. बच्चों को स्कूल में जाने से तो रोक रहे हैं, लेकिन बाजार में जाने से तो नहीं रोक रहे, घर में नहीं रोक रहे हैं. स्कूल को हमने बंद करके रखा है, बच्चों के भविष्य की बात है. इन सब बातों को देखते हुए ये फैसला लिया गया.