November 30, 2024

साल भर के अंदर बंद हो जाएंगे देशभर के टोल प्लाजा, GPS सिस्टम का होगा इस्तेमाल…

नई दिल्ली।  केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने दावा किया है कि अगले एक साल में देश से सभी टोल प्लाजा (Toll Booth) खत्म हो जाएंगे. दरअसल सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय एक साल के भीतर पूरी तरह से जीपीएस (GPS) आधारित टोल संग्रह की तैयारी कर रही है. जीपीएस सिस्टम से टोल वसूली के लिए एक नई तकनीक भी विकसित की जा रही है. 

लोकसभा (Lok Sabha) में प्रश्नकाल के दौरान गुरुवार को केंद्रीय सड़क निर्माण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा “मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एक वर्ष के भीतर देश के सभी भौतिक टोल बूथ हटा दिए जाएंगे. इसका मतलब यह है कि टोल संग्रह जीपीएस के माध्यम से होगा. वाहनों पर लगे जीपीएस इमेजिंग (GPS Imaging) के आधार पर टोल की राशि वसूली जाएगी.”

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा खत्म होगा लेकिन टोल देना होगा. नितिन गडकरी ने बताया कि 93 फीसदी गाड़ियां फास्टैग (FASTag) का उपयोग कर टोल का भुगतान करती हैं. लेकिन शेष 7 प्रतिशत डबल टोल होने के बावजूद फास्टैग का इस्तेमाल नहीं कर रहे है.

संसद में गडकरी ने बताया कि उनका मंत्रालय ऐसी तकनीक पर काम कर रहा है जिसमें व्यक्ति अपनी गाड़ी को लेकर जिस जगह से राष्ट्रीय राजमार्ग पर चढ़ेगा, वहां जीपीएस की मदद से कैमरा आपकी फोटो लेगा और जहां राजमार्ग से उतरेंगे वहां की फोटो लेगा, इस तरह उतनी ही दूरी का टोल चुकाना होगा. तकनीक की मदद से लोगों को उतना ही टोल चुकाना होगा, जितना उन्होंने सड़क पर गाड़ी चलाई. साथ ही अब गाड़ियों में GPS सिस्टम लगाया जाएगा, जिसकी मदद से टोल शुल्क का भुगतान हो सकेगा.

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों के दौरान कई स्थानों पर शहरी इलाकों के भीतर टोल बनाए गए जो ‘गलत और अन्यायपूर्ण’ है. इन्हें हटाने का काम भी एक साल में पूरा हो जायेगा. गडकरी ने कहा कि अब गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा जिसकी मदद से टोल शुल्क का भुगतान हो सकेगा और इसके बाद शहर के अंदर इस तरह के टोल की जरूरत नहीं होगी. गडकरी ने कहा, ‘‘ इस तरह के टोल को शहरों के अंदर से हटाने का काम एक साल में पूरा हो जाएगा.’’

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