November 1, 2024

छत्तीसगढ़ में मनरेगा मजदूरी बढ़ी, रोज के 11 रुपए बढ़ाए गए 1 अप्रैल से नई दर पर होगा भुगतान

०० केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मनरेगा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्यवार प्रतिदिन मजदूरी की दर को बढ़ाया

रायपुर| छत्तीसगढ़ में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) में श्रमिकों को अब बढ़ी हुई मजदूरी मिलेगी। 1 अप्रैल से प्रतिदिन मिलने वाली मजदूरी की दर में बदलाव होने जा रहा है।अब श्रमिकों को 204 रुपए की मजदूरी मिलेगी। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मनरेगा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्यवार प्रतिदिन मजदूरी की दर को बढ़ा दिया है। इसका राजपत्र में प्रकाशन भी कर दिया गया है।

अब नए आदेश के मुताबिक मनरेगा के तहत काम करने वाले अकुशल श्रमिकों को छत्तीसगढ़ के लिए 204 रूपए प्रतिदिन की मजदूरी तय की गई है। यह नई दर 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी होंगी। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 193 रुपए मजदूरी दर निर्धारित थी। इसमें 11 रूपए की बढ़ोतरी की गई है। 2-2-2022 को रोजगार की गारंटी देने वाला ‘मनरेगा’ के 16 साल पूरे हो गए। तब के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 2 फरवरी 2006 को आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले से ‘मनरेगा’ यानि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) को अमलीजामा पहनाने की शुरूआत की थी। छत्तीसगढ़ में मनरेगा की शुरुआत 2 फरवरी 2006 को राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव विकासखण्ड के अर्जुनी ग्राम पंचायत से हुई थी। सरकार का दावा है कि साल 2021-22 में अब तक दस महीनों में (अप्रैल-2021 से जनवरी-2022 तक) 26 लाख 28 हजार परिवारों के 49 लाख 28 हजार श्रमिकों को रोजगार दिया गया है।

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