रायपुर में आइसोलेटेड कोच के बाद रेलवे ने बनाया आइसोलेटेड फीवर क्लीनिक
रायपुर। कोरोना वायरस से निपटने के लिए रेलवे ने भी बेहतरीन कदम उठाए हैं। रायपुर रेल मंडल के चिकित्सालय में एक आइसोलेटेड फीवर क्लीनिक बनाया गया है, जिसमें बुखार से संबंधित व्यक्तियों की अलग से जांच की जाती है। साथ ही इनका ब्लड टेस्ट भी किया जाता है। यदि किसी परिवार या व्यक्ति के संबंध विदेश से हैं तो उन्हें एम्स रेफर किया जा रहा है।
रायपुर रेल मंडल ने अपने अधिकारियों एवं कर्मचारियों समेत फील्ड स्टाफ को कोरोना वायरस से बचाव के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।
- लॉकडाउन की स्थिति में केवल अति आवश्यक कार्य जैसे मालगाड़ी परिचालन, कंट्रोल रूम सिगनलिंग, रेलवे ट्रैक एवं मालगाड़ी मेंटेनेंस से संबंधित कार्यों को ही कराया जा रहा है.
- इसमें लगे स्टाफ को सैनिटाइज एवं मास्क भी उपलब्ध कराए गए हैं.
- कॉलोनियों में प्रतिदिन आवश्यकतानुसार कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है.
- रेलवे चिकित्सालय में आइसोलेशन वार्ड और आपातकालीन कक्ष बनाया गया है.
- रेलवे चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ को वेंटिलेटर प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी दी गई है.
- रायपुर रेल मंडल में लगभग 200 क्वारेंटाइन बेड बनाये जा रहे हैं. 23 क्वॉरंटीन बेड रेलवे सुरक्षा बलों के लिए तैयार किए गए हैं.
- इसके आलावा 30 बेड इंजीनियरिंग कॉलोनी खारून में तैयार किए गए हैं.
- 25 बेड बीएमबाय भिलाई और दुर्ग में तैयार किए गए हैं.
- दल्लीराजहरा में भी क्वॉरंटीन बेड बनाने की तैयारी है. सभी कार्यों को सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए किया जा रहा है
बता दें सामानों के आयात-निर्यात में मालगाड़ी का चलना जरूरी है। लेकिन प्रशासन ने उनकी देख रेख के लिए अपने स्तर पर तैयारी की है। रेलवे मंडल चिकित्सालय के मेडिकल एवं पैरामेडिकल स्टाफ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। इसके अलावा रेलवे ने ट्रेन में आइसोलेशन कोच बनाने का फैसला लिया है।