भाजपा किसान मोर्चा गोबर लेकर सड़क पर उतरी, सहकारी समिति का घेराव कर कहा, “किसानों को दे रहे घटिया खाद”
०० किसान मोर्चा के नेता गौरीशंकर श्रीवास ने समिति के अफसरों पर भ्रष्टाचार करने का लगाया गंभीर आरोप
रायपुर| भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के नेता सोमवार को सड़कों पर उतरे। पैदल मार्च करते हुए यह सभी नेता जोरा स्थित सहकारी समिति के दफ्तर का घेराव करने पहुंचे। हाथों में गोबर लिए भाजपा नेताओं ने समिति दफ्तर के बाहर जमकर नारेबाजी की।
किसान मोर्चा के नेता गौरीशंकर श्रीवास ने समिति के अवसरों पर भ्रष्टाचार करने का गंभीर आरोप लगाया। श्रीवास ने बताया कि किसानों को घटिया क्वालिटी की खाद दी जा रही है। इससे सीधा असर किसान की आमदनी पर पड़ रहा है। हंगामा करते हुए भाजपा नेताओं ने एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिस पर कार्यवाही ना हुई तो आने वाले दिनों में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में किसान विरोधी नीतियां चलाई जा रही है। प्रदेश में किसान अपने विभिन्न समस्याओं को लेकर परेशान है। हालात ये है कि सैकड़ों किसान आत्महत्या कर चुके है। केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार किसानों को यूरिया खाद 625 रूपए प्रति क्विंटल उपलब्ध करा रही है। वहीं प्रदेश में किसानों को अमानक और घटिया खाद रेत, मिट्टी मिला गोबर लेने के लिए प्रति एकड़ 3 बोरी (90किलो) 1000 रूपए क्विंटल में लेने के लिए बाध्यता कर किसानों को लूटने का काम हो रहा है।
यह है भाजपा किसान मोर्चा की मांग : प्रदेश के सभी किसानों को प्रति एकड़ 3 बोरी (90 किलो) गोबर खाद खरीदी की बाध्यता समाप्त कर किसानों को एच्छिक रूप से वर्मी कंपोस्ट खरीदने की छूट साथ ही वर्मी कंपोस्ट मानक हो एवं रेत व मिट्टी मिला हुआ न हो। राजीव गांधी न्याय योजना के अंतिम किस्त की राशि में 30 से 50 प्रतिशत तक की कटौती करते हुए करीब 470 करोड़ की राशि किसानों को कम जारी की गई है। इस अंतर की राशि को तत्काल किसानों को जारी किया जावे। किसानों का दाना-दाना धान खरीदने वादा किया गया था। चूंकि छत्तीसगढ़ में रवि की फसल भी पर्याप्त मात्रा में होती है अतः पूरे प्रदेश में किसानों के रवि फसल की खरीदी 2500 रूपए प्रति क्विंटल में तत्काल प्रारंभ किया जावे। कांग्रेस के घोषणा पत्र में पूर्व सरकार की लंबित 2 वर्षों के धान बोनस देने का वादा किया था। किंतु आज साढ़े 3 वर्ष से अधिक हो गए है बकाया बोनस की राशि तत्काल किसानों को जारी की जावे। प्रति वर्ष गिरदावरी के नाम पर किसानों के रकबे में लगातार कटौती हो रही है। कहीं मेढ़ काटे जा रहे है कहीं खेत ही कम कर दिया जा रहा है जिससे पूरे प्रदेश के किसान आक्रोशित है. किसान के संपूर्ण खेतीहर रकबे का 15 क्विंटल के हिसाब से धान की खरीदी किया जाये।