अगली बार आऊंगा तो केवल आवर्ती चराई के गौठान देखने जाऊंगा : भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा में ली समीक्षा बैठक, आवर्ती चराई के लिए बड़े रकबे में व्यवस्था के दिए निर्देश
युवाओं को रोजगार से जोड़ने और पर्यटन को बढ़ावा देने कहा
रायपुर| वनांचल के लोगों से भेंट-मुलाकात के लिए बस्तर संभाग के दौरे पर निकले मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज दंतेवाड़ा में जिले के अधिकारियों के साथ विकास कार्यों और योजनाओं की प्रगति का समीक्षा की। उन्होंने वन विभाग को सुराजी गांव योजना के तहत गौठानों के निर्माण के लिए विशेष प्रयास करने कहा। उन्होंने आवर्ती चराई के लिए बड़े-बड़े रकबों में व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि अगली बार जब मैं यहां आऊंगा तो केवल आवर्ती चराई के गौठान देखने जाऊंगा। उन्होंने गौठानों के निर्माण में लापरवाही पर वन विभाग के अधिकारियों पर नाराजगी जताई। बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, सांसद श्री दीपक बैज, विधायक श्रीमती देवती कर्मा और श्री विक्रम मंडावी तथा मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने समीक्षा बैठक में कहा कि अब दंतेवाड़ा जिले के लोगों के जीवन में परिवर्तन महसूस हो रहा है। लोग शांति की और लौट रहे हैं। व्यक्तिमूलक कार्यों और योजनाओ से यह सब संभव हुआ है। प्रशासन गांव-गांव तक पहुंच रहा है। शासन की योजनाएं अंदरूनी इलाकों तक पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि नक्सल समस्या केवल पुलिस की समस्या नहीं है। इसे खत्म करने के लिए हम सबको समन्वित प्रयास करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों के बीच शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ रहा है। हमें गांव को यूनिट मानकर युवाओं को रोजगार से जोड़ना है। यहां लोगों को लगातार रोजगार मिल रहा है। डेनेक्स, खेती या स्वरोजगार से लोगों के जुड़ने से नक्सली भर्ती में कमी आई है। उन्होंने कहा कि बस्तर प्राकृतिक सौंदर्य और अपनी जीवन शैली के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। पर्यटकों को यहां फिर से आकर्षित करने के लिए पर्यटन विकास के कार्यों पर जोर देना होगा। उन्होंने अनीमिया को खत्म करने के लिए विशेष अभियान संचालित करने की भी बात कही।