December 25, 2024

लॉकडाउन ने बिगाड़ी बंदरों की सेहत, छीन गया है निवाला, घाटी की सड़कों में रोजाना ताक रहे इंसानों की राह

DSC_6691
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए हुए लॉकडाउन का बस्तर के जंगलों से गुजरने वाली सड़कों पर आश्रित बंदरों के लिए भारी पड़ रहा हैं। बंदरों के लिए आसपास खाने के लिए इन जंगलो में कुछ भी नहीं है। यह मौसम बंदरों का प्रजनन का मौसम होता है और कई ऐसे मादा बंदर है जो गर्भवती हैं, लेकिन भोजन ना मिलने से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । दरभा और केशकाल घाटी के आसपास निवासरत स्थानीय लोग लॉकडाउन होने के उपरांत भी इन बंदरों के लिए कुछ ना कुछ खाने के लिए सामाग्री 
पहुंचा रहे हैं । 
 
सूबे में जगदलपुर के समाजसेवी भी इस समय भूख प्यास से तड़प रहे जंगली जानवरों को निवाला देने का काम कर रहे हैं।  दरअसल गरीब और बाकी अन्य वर्ग जिन्हें लॉकडाउन के दौरान दो वक्त के भोजन के लिए परेशानी हो रही है, उसके लिए कई समाज सेवी संस्था के साथ ही शासन प्रशासन और निगम की टीमें सभी काम कर रही हैं।  लेकिन सड़कों पर भटकने वाले कुछ मूक पशु पक्षियों की तरफ ध्यान बहुत कम लोगों को जा रहा है। 
 
 
जगदलपुर से दरभा जानें वाले मार्ग कुटुमसर कांगेर घाटी इलाके में 22 मार्च से पहले कुटुमसर और तीरथगढ़ जल प्रपात देखने आने वाले पर्यटकों के जरिए बंदरों को भेाजन पानी मिल जाता था, लेकिन लॉकडाउन के बाद से इन इलाकों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है।  ऐसे में जगदलपुर के मारवाडी परिवार को ख्याल आया है कि जंगल में रहने वाले पशु पक्षियों को खाना भोजन नहीं मिल पा रहा होगा।  इसी बात का ख्याल करते हुए मारवाडी परिवार के लोग पिछले तीन दिनों से कांगेरघाटी इलाके के चार ऐसे प्वाइंट जहां पर बदंरों की काफी बड़ी संख्या दिखाई देते हैं।  उनके लिए रोज खाने की सामग्री लेकर जा रहे हैं। इसी तरह केशकाल घाटी में भी कुछ समाजसेवी यह कार्य करने में लगे हैं। 
 
समाजसेवियों द्वारा कभी टमाटर तो कभी चना बंदरों को खाने के लिए दिया जाता है। जनरपट से बातचीत करते हुए परिवार के एक सदस्य ने कहा कि तीन दिन हो चुके हैं, जब परिवार के सदस्य एक वाहन में बंदरों के खाने पीने का सामान लेकर कांगेर घाटी वाले इलाके में जाते है और जैसे ही वाहन का हार्न बजाते हैं।  उसे सुनते ही जंगलों में छिपे काफी बड़ी संख्या में बंदर उनके पास पहुंचते हैं और पंक्तिबद्ध होकर खाना रहे होते हैं।  
error: Content is protected !!