पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा, छत्तीसगढ़ अय्याशी का अड्डा नहीं, भूपेश बघेल ने किया पलटवार कहा “भाजपा उठा ले गई थी, तो क्यों चुप थे”
झारखंड के विधायकों एक रिसॉर्ट में ठहराकर आवभगत को लेकर राजनीति गर्म
रायपुर| झारखंड के विधायकों को रायपुर के एक रिसॉर्ट में ठहराकर आवाभगत से छत्तीसगढ़ की राजनीति गर्म है, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री को चुनौती देने वाले अंदाज में कहा है कि छत्तीसगढ़ को अय्याशी का अड्डा मत बनाइए। वहीं बुधवार सुबह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा, जब भाजपा दूसरे दलों के विधायकों को उठाकर ले जा रही थी तो रमन सिंह चुप क्यों थे? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के सीनियर ऑब्जर्वर के तौर पर कांग्रेस की बैठक लेने शिमला रवाना हुए हैं। दिन भर की बैठकों के बाद उनके शाम तक रायपुर लौट आने का कार्यक्रम है। रायपुर हवाई अड्डे पर रवाना होने से पहले उन्होंने डॉ. रमन सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, डॉ. रमन सिंह को यह देखना चाहिए कि कर्नाटक के विधायक, महाराष्ट्र के विधायक, राजस्थान के विधायक ,मध्यप्रदेश के विधायक, दूसरी पार्टी के विधायक जब उठा उठाकर ले गए तब उनकी बोलती बंद क्यों थी? वो चुप क्यों थे? उस समय बोलना था! ये तो हमारी पार्टी के लोग हैं। हमारे गठबंधन के लोग हैं। इसमें उनको तकलीफ क्यों हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, उनको (डॉ. रमन सिंह को) तकलीफ हो रही है क्योंकि अगर खुला छोड़ देते तो वो वहां खरीद फरोख्त करते। मुख्यमंत्री ने कहा, अन्य राज्यों में जब खरीद फरोख्त हो रही थी डॉ. रमन सिंह चुप क्यों थे? जिस प्रकार से महाराष्ट्र में बात चल रही है पचास खोखा,झारखंड में बात चल रही है बीस-बीस खोखा रमन सिंह जी उसका जवाब दें। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा हार्स ट्रेडिंग कर रही है। उसकी वजह से झारखंड के विधायकों को छत्तीसगढ़ लाया गया है।
दरअसल मंगलवार को आबकारी विभाग की एक गाड़ी से नवा रायपुर के मेफेयर रिसार्ट में शराब भेजे जाने का मामला सामने आया था। झारखंड के विधायकों को उसी रिसॉर्ट में ठहराया जाना था। इसी से जोड़कर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की। उन्होंने लिखा, भूपेश जी कान खोलकर सुन लीजिए! छत्तीसगढ़ अय्याशी का अड्डा नहीं है, जो छत्तीसगढ़ियों के पैसे से झारखंड के विधायकों को दारू-मुर्गा खिला रहे हैं। असम, हरियाणा के बाद अब झारखंड के विधायको का डेरा। इन अनैतिक कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ महतारी आपको कभी माफ नहीं करेगी। झारखंड में सत्ताधारी महागठबंधन के 32 विधायकों सहित 41 नेता मंगलवार शाम रायपुर पहुंचे हैं। उन्हें नवा रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट में ठहराया गया है। ऑफिस ऑफ प्राफिट के एक मामले में निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है। राज्यपाल रमेश बैस ने इस सिफारिश पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है। इसकी वजह से वहां राजनीतिक संकट गहरा गया है। महागठबंधन नेताओं का कहना है, भाजपा उनके विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए तोड़ने की कोशिश कर रही है। इसकी वजह से सभी विधायकों को एक साथ रखने की जरूरत बढ़ गई है।