अंबिकापुर क्षेत्र में ओलावृष्टि,सुकमा में तेज़ अंधड़ बारिश से बची-खुची फसल भी तबाह
अंबिकापुर/ सुकमा। छत्तीसगढ़ के उत्तर और दक्षिण में द्रोणिका के असर से मंगलवार की शाम अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। सरगुजा जिले के अंबिकापुर व लुंड्रा विकासखंड के कई गांवों में आंधी-तूफान के साथ ओलावृष्टि हुई। ओला गिरने से बची-खुची फसल बर्बाद हो गई है। उधर सुकमा में भी तेज़ आंधी तूफ़ान और बारिश से कई घरों के छप्पर और शेड उड़ गए। कड़ी फैसले भी तेज़ हवा और बरसात की बजह से लेट गयी हैं।
इसके पूर्व भी उत्तरी छत्तीसगढ़ में मार्च के महीने में लगातार बारिश व ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा था. मंगलवार को कई स्थानों पर बिजली के खंभे व तार टूटकर धरासाई हो गई हैं. विद्युत व संचार व्यवस्था भी छिन्न-भिन्न हो गई है।देर शाम संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में भी मौसम बदला और तेज हवाएं चली. इस दौरान गरज-चमक के साथ बारिश भी हुई.
द्रोणिका के असर से मंगलवार को उत्तरी छत्तीसगढ़ के मौसम का मिजाज अचानक बदल गया। दोपहर लगभग तीन बजे अचानक बादल छाए और धूल भरी तेज हवाएं चलनी शुरू हो गई. अंबिकापुर विकासखंड के सरगवां, नर्मदापुर, घंघरी, चिखलाडीह, सकालो सहित आसपास के कई गांवों में तथा लुंड्रा विकासखंड के डकई, कुंदीकला, केपी अजिरमा, करेसर, अगासी, अमगांव, लुंड्रा सहित आसपास के एक दर्जन से भी अधिक गांवों में तेज बारिश के साथ जमकर ओले गिरे. अचानक मौसम बदलने और आंधी-तूफान के साथ बारिश व ओलावृष्टि से खेत में खड़ी गेहूं, सरसों तथा सब्जी वर्गीय फसलों को व्यापक नुकसान पहुंच है।
उसके बाद से बारिश का क्रम जारी है। अंबिकापुर से लगे सरगवां सब स्टेशन में भी तकनीकी खराबी आई है. एक विद्युत खंभा भी धरासाई हो गया है। कई गांवों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था बाधित है।लुंड्रा विकासखंड के प्रभावित गांवों में भी विद्युत आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है। विद्युत वितरण कंपनी का मैदानी अमला मौसम खुलने के इंतजार में है।गांव-गांव से रिपोर्ट ली जा रही है कि विद्युत वितरण कंपनी कंपनी को कितना नुकसान उठाना पड़ा।