किसानों की सब्सिडी पर केंद्र की कैची : मानसून से पहले कृषकों पर महंगाई की जबरदस्त मार, खाद-उवर्रक सब्सिडी पर 35 प्रतिशत तक की कटौती
नईदिल्ली। भारत में इस साल मानसून के 4 दिन देरी से दस्तक देने की खबर है। खेती-किसानी के लिए के ये पहले ही एक बुरी खबर है, इसी के साथ अब किसानों पर महंगाई की मार भी पड़ने जा रही है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में खाद और उर्वरकों पर सब्सिडी घटाने का फैसला किया गया, यानी आने वाले दिनों में खाद के दाम बढ़ने की पूरी संभावना है।
कैबिनेट की बैठक में हुए फैसलों की जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि फर्टिलाइजर्स की सब्सिडी में कमी की गई है। डीएपी और एमओपी जैसे फर्टिलाइजर्स पर जो न्यूट्रेंड बेस्ड सब्सिडी (एनबीएस) मिलती है। उसमें कुल 35.36 प्रतिशत की कटौती की गई है। फर्टिलाइजर्स पर सब्सिडी की नई दरें अप्रैल से सितंबर की अवधि के लिए होगी।
किसानों के लिए इतनी महंगी हो जाएगी खाद
सूत्रों ने फर्टिलाइजर्स पर मिलने वाली सब्सिडी की नई दरों को जानकारी दी है। इससे अब किसानों पर खाद की कीमत का इतना बोझ बढ़ सकता है।
नाइट्रोजन पर अब 99.27 रुपये की जगह 76.49 रुपये प्रति किलो के हिसाब से सब्सिडी मिलेगी। इस तरह 22.78 रुपये प्रति किलो का बोझ अब किसानों पर पड़ेगा।
इसी तरह पोटाश पर सब्सिडी 49.94 रुपये की जगह 41.03 रुपये प्रति किलो हो जाएगी। यानी 8.91 रुपये प्रति किलो का बोझ किसानों को वहन करना होगा।
फॉस्फेट के लिए सब्सिडी अब 15.91 रुपये प्रति किलो होगी जो पहले 25.70 रुपये थी। यानी 9.79 रुपये का बोझ किसानों पर ही आ सकता है।
सल्फर के लिए सब्सिडी 2.84 रुपये प्रति किलो की जगह 2.80 रुपये होगी। यानी 4 पैसे का खर्च किसानों को ही उठाना पड़ सकता है।
खरीफ की फसल पर होगा असर
Fertilizer subsidy reduced for farmers : मानसून का सीजन खरीफ की फसल का सीजन होता है। इस सीजन में सबसे ज्यादा धान की बुवाई होती है जिसमें मुख्य खाद के तौर पर यूरिया यानी नाइट्रोजन की जरूरत पड़ती है। सरकार ने सब्सिडी भी सबसे ज्यादा इसी खाद पर घटाई है। ऐसे में इस महंगी खाद का असर खरीफ की फसल पर होगा।
वहीं मौसम विभाग ने इस साल मानसून के 4 दिन की देरी से यानी 4 जून को दस्तक देने की बात कही है। वहीं अल नीनो का प्रभाव क्षेत्र बनने से देश के कई इलाकों सूखा पड़ने की भी संभावना है। इसका असर भी धान की फसल पर होगा। यानी इस साल धान के भाव में तेजी आना संभव है।
इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में आईटी हार्डवेयर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के दूसरे चरण को मंजूरी दी गई है। इसके लिए 17,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन को मंजूरी दी गई है।