शिक्षक संघर्ष मोर्चा : सब्र का बांध टूटते ही सभी संगठन एक साथ आये, कहा- आंदोलन ही अब एकमात्र रास्ता
रायपुर । सहायक शिक्षक/समग्र शिक्षक फेडरेशन के अध्यक्ष मनीष मिश्रा, टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, संयुक्त शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केदार जैन, शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र दुबे और नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास राजपूत अब शिक्षकों की मांगों को लेकर एक मंच पर आ गये हैं। शिक्षक मोर्चा ने 18 जुलाई से आंदोलन का आगाज करने का ऐलान किया है। सोमवार को पांचों शिक्षक संगठन ने मिलकर रायपुर में प्रेस कांफ्रेंस की और आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने की वजह मीडिया के सामने शेयर की। प्रेस कांफ्रेंस में मनीष मिश्रा, संजय शर्मा, विरेंद्र दुबे, विकास राजपूत और संयुक्त शिक्षक संघ के रायपुर जिलाध्यक्ष ने संयुक्त रूप बताया कि सरकार की अनदेखी से 3 लाख कर्मचारी खुद को छला हुआ महसूस कर रहे हैं। ना तो उन्हें क्रमोन्नति मिली, ना हीं प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना, ना हीं वेतन विसंगति दूर हुई और ना ही पूर्ण पेंशन और 7वें वेतनमान में गृहभाड़ा का लाभ मिला।
शिक्षक नेताओं ने बताया कि सरकार की अनदेखी से नाराज शिक्षक संगठन ने संघर्ष के लिए “शिक्षक संघर्ष मोर्चा” तैयार किया है। इसके तहत 10 जुलाई को मांगों का ज्ञापन व आंदोलन की चेतावनी, 18 जुलाई को राजधानी में जंगी धरना प्रदर्शन और 31 जुलाई से अनिचतकालीन आंदोलन पर शिक्षक संगठन जायेंगे। छ.ग. में सरकार की उदासीनता, वादाखिलाफी और शिक्षक एल. बी. संवर्ग के हितों व मांगों की अनदेखी से राज्य के दो लाख शिक्षकों के सब्र का बांध टूट गया है। विभिन्न शिक्षक संगठनों ने संगठनात्मक मतभेदों को दरकिनार कर संवर्ग के दो लाख कर्मचारियों के हित में आर-पार संघर्ष के लिए “छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा” का गठन कर संघर्ष का बिगुल फूंक दिया है।
छ.ग. सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष मनीष मिश्रा, शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे, नवीन शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष विकास राजपूत, संयुक्त शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन व छ.ग. टीचर्स एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष संजय शर्मा ने संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि सरकार ने शिक्षक एल. बी. संवर्ग के हितों की उपेक्षा करने के साथ ही उनके साथ वादाखिलाफी भी की है।
उन्होंने बताया कि क्रमोन्नति, प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना, वेतन विसंगति, पूर्ण पेंशन, 7 वें वेतनमान में गृहभाड़ा व देय तिथि से महंगाई भत्ता आदि मुद्दों पर सरकार ने हमें निराश किया है तथा संवर्ग के हित में आंदोलन के लिए बाध्य किया है। सभी संगठन व संवर्ग के 02 लाख कर्मचारी “तीसगड शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले एकसूत्री मांग- “पूर्व सेवा अवधि की गणना कर प्रथम नियुक्ति तिथि से सही वेतन का निर्धारण कर सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर कर/मोल पुरानी पेंशन निर्धारित कर एवं कुल 20 वर्ष की सेवा में पूर्ण पेंशन की पात्रता” को लेकर आज मंत्रालय में ज्ञापन तथा मांगें पूर्ण नहीं होने पर आंदोलन की सूचना दी जावेगी।
इसी क्रम में 18 जुलाई, 2023 को राजधानी में जंगी धरना प्रदर्शन तथा 31 जुलाई, 2023 से पूरे राज्य में शाला बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन आंदोलन तथा समस्त जिला व वि.ख. मुख्यालय में धरना दिया जावेगा।मनीष मिश्रा, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत, केदार जैन व संजय शर्मा ने समस्त शिक्षक साथियों से संघर्ष में शामिल होने की अपील की है तथा ही अन्य संगठनों, मीडिया व प्रशासन से भी सहयोग की अपील की है।