CG – जिताऊ उम्मीदवार की रणनीति पर भारी पड़ रहा समाज का दबाव!, किस समाज के लोगों ने कहां से मांगा टिकट..जानें
रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा के जिताऊ कैंडिडेट की रणनीति पर समाज का दबाव भारी पढ़ रहा है। साहू, सिंधी और सिख समाज ने भाजपा से अपने समाज के नेताओं को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग की है साथ ही ये भी कहा है कि अगर उसके समाज के नेताओं को प्रत्याशी बनाया जाता है तो ही पूरे छत्तीसगढ़ में उनके समाज के लोगों का वोट उसी पार्टी को मिलेगा। वहीं कांग्रेस का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी ने जातिगत राजनीति को बढ़ावा दिया है।
पिछले विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद भारतीय जनता पार्टी ने इस बार के विधानसभा चुनाव में अपनी रणनीति बदल दी है। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन की बजाए केवल जीतने वाले कैंडिडेट को ही प्रत्याशी बनाया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी की पहली सूची में यह बात देखने को भी मिली है लेकिन सिंधी समाज, साहू समाज और सिख समाज ने पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर अपने समाज के लोगों को अधिक से अधिक टिकट देने की मांग की है साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अगर उनकी पार्टी उनके समाज के नेताओं को टिकट देती है तो ही प्रदेश में उनके समाज के लोग पार्टी को अपना समर्थन देंगे।
सिंधी और सिख समाज के लोगों ने रायपुर उत्तर से टिकट की मांग की है तो वहीं साहू समाज ने रायपुर ग्रामीण और पश्चिम से उनके समाज के नेताओं को प्रत्याशी बनाने के लिए दबाव बनाया है । इसको लेकर सिंधी समाज का एक प्रतिनिधि मंडल पिछले दिनों भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा से मिला था।
बता दें कि रायपुर उत्तर से सिंधी समाज से भाजपा से पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी, मिडिया प्रभारी अमित चिमनानी, चेंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष अमर परवानी, शदानी दरबार के उदय शादानी और कांग्रेस से अजीत कुकरेजा प्रमुख दावेदार है। इसी तरह रायपुर ग्रामीण से भाजपा से मोतीलाल साहू, अमित साहू और ममता साहू मुख्य दावेदार हैं। सिख समाज से रायपुर से भाजपा के पूर्व पार्षद सुरेंद्र छाबड़ा और अमरजीत सिंह छाबड़ा दावेदार हैं । सिख समाज ने अपने बाहुल्य वाले इलाके तखतपुर और कोटा से भी समाज के लोगों को टिकट देने की मांग की है । इस पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का कहना है कि टिकट मांगने का अधिकार हर लोगों को है इसमें कोई बुराई नहीं है।
इस पर कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा से समाज और धर्म के नाम पर राजनीति की है । कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि BJP ने राम भगवान को भी एजेंट बना दिया है। BJP टिकट में भी जातिवाद की राजनीति करती है। जाति और धर्म को राजनीति में नहीं लाना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के नेता चाहे कितना भी बोले कि वे जीतने वाले को ही टिकट देंगे मगर सच्चाई यह है कि जातिगत समीकरण का भी ख्याल रखना पड़ता है । क्योंकि किसी भी समाज को नाराज करना उन्हें भारी पड़ सकता है ।