दिल्ली पुलिस कर रही है एकतरफा कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले: आनंद शर्मा
नई दिल्ली. कांग्रेस ने दिल्ली में हिंसा के बाद पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इन मामलों का संज्ञान लेना चाहिए तथा एक न्यायमित्र की नियुक्ति करनी चाहिए. पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने यह दावा भी किया कि हालात अभी सामान्य नहीं हुए हैं और लोगों में अब भी भय का माहौल है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘देश के अंदर और दिल्ली में हाल के घटनाक्रमों से कुछ बुनियादी सवाल उठते हैं.
आनंद शर्मा ने कहा कि, ‘विरोध करना लोगों का अधिकार है. शासन-प्रशासन का रवैया चिंताजनक है.’ उन्होंने कहा कि राजद्रोह के मामले का दुरुपयोग किया जा रहा है. शर्मा ने दावा किया कि, ‘दिल्ली हिंसा में पहले कुछ दिनों तक जान-बूझकर कार्रवाई नहीं की गई. जवाबदेही तय होनी चाहिए. अब जो कार्रवाई हो रही है, वह एकतरफा है. जो लोग धरने पर थे, उन पर संगीन धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं.’
आनंद शर्मा ने सवाल किया कि अगर बीजेपी नेताओं के भाषण नफरत वाले नहीं थे तो फिर किसके बयान नफरत भरे थे? कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करते हैं कि इन मामलों को देखे. वह न्यायमित्र नियुक्त करे. सभी मामलों को देखे और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करे.’ इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस ने नफरत भरे भाषण देने के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर कोर्ट के जवाब मांगने को लेकर शुक्रवार को बीजेपी पर निशाना साधा. कांग्रेस ने सवाल किया कि कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर एवं प्रवेश वर्मा सरीखे भाजपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई?
क्या बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर हुई?
पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से नोटिस आने पर कांग्रेस की तरफ से व्यापक और माकूल जवाब दिया जाएगा. सिंघवी ने कहा, ‘दुनिया भर के लोगों के विरुद्ध एफआईआर हो रहीं हैं. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के विरुद्ध भी हो रही हैं. क्या कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, गिरिराज सिंह, चिन्मयानंद और संगीत सोम के विरुद्ध एफआईआर हुई हैं?’ उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘बीजेपी के इन नेताओं के वक्तव्य जरुर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के कथित वक्तव्यों से कहीं ज्यादा घिनौने रहे होंगे. हमारे तीनों नेताओं ने आखिर क्या बयान दिए?’
राजद्रोह के मामले का किया जा रहा है दुरुपयोग
दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित रूप से नफरत फैलाने वाले भाषण देने के मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा. उन्होंने कहा कि राजद्रोह के मामले का दुरुपयोग किया जा रहा है.
न्यायमित्र नियुक्त करने की मांग
शर्मा ने दावा किया, ‘दिल्ली हिंसा में पहले कुछ दिनों तक जानबूझकर कार्रवाई नहीं हुई. जवाबदेही तय होनी चाहिए. अब जो कार्रवाई हो रही है वह एकतरफा है. जो लोग धरने पर थे उन पर संगीन धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं.’ उन्होंने सवाल किया कि अगर भाजपा नेताओं के भाषण नफरत वाले बयान नहीं थे तो फिर किसके बयान नफरत भरे थे? कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करते हैं कि इन मामलों को देखे. वह न्यायमित्र नियुक्त करे. सभी मामलों को देखे और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करे.’