December 28, 2024

CG – दिवाली पर बनेंगे 5 राजयोग, नोट करें पूजा मुहूर्त और पूजन की पूरी सामग्री

DIWALI PIJA

Diwali 2023 Shubh Choghadiya Muhurat: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल दिवाली का पर्व 12 नवंबर, रविवार को यानी कल मनाया जाएगा। दिवाली के दिन लोग मां लक्ष्मी समेत भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा करते हैं। इसके अलावा दिवाली की रात्रि में शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मां काली की पूजा भी होती है। इसलिए इसे काली पूजा के नाम से भी जानते हैं। पंचांग और ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, इस बार दिवाली पर 5 खास संयोग बनने जा रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि दिवाली पर कौन-कौन से 5 राजयोग बनेंगे और पूजन के लिए शुभ मुहूर्त और पूजन सामग्री क्या है।

दिवाली पर बनेंगे 5 खास राजयोग
ज्योतिषीय गणना के मुताबिक इस बार दिवाली पर कई वर्षों बाद 5 राजयोग का निर्माण होगा। ऐसे में इस साल की दिवाली अत्यंत खास मानी जा रही है। दरअसल दिवाली के दिन शुक्र, चंद्र, बुध और गुरु ग्रहों की शुभ स्थिति से 5 राजयोग बनेंगे। दिवाली के दिन आयुष्मान योग और सौभाग्य योग का तो खास संयोग बनेगा ही, इसके साथ ही इस दिन शनि देव अपनी स्वाराशि में रहकर शश महापुरुष नामक राजयोग बनाएंगे।

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 12 नवंबर को शाम 5 बजकर 40 मिनट से शाम 7 बजकर 35 मिनट तक है। इस दिन पूजन के लिए शुभ मुहूर्त की अवधि 1 घंटा 53 मिनट की है। प्रदोष काल शाम 5 बजकर 29 मिनट से रात 8 बजकर 06 मिनट तक है। जबकि वृषभ काल शाम 5 बजकर 40 मिनट से 7 बजकर 35 मिनट तक है।

महानिशीथ काल पूजा-मुहूर्त

निशीथ काल पूजा मुहूर्त- रात 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक।

दिवाली पूजन सामग्री
पान, घी, लौंग, दुर्वा, फूल, रोली, कपूर, सुपारी, कलावा, धूपबत्ती, पंचामृत, फल, जनेऊ, कुमकुम, गंगाजल, घी का दीया, हल्दी की गांठ, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, लाल वस्त्र, लकड़ी की चौकी इत्यादि पूजन सामग्री दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए जरूरी हैं।

दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
दृक पंचांग के मुताबिक, दिवाली पर शुभ चौघड़िया मुहूर्त कुछ इस प्रकार हैं- अपराह्न मुहूर्त (शुभ)- दोपहर 1 बजकर 26 मिनट से लेकर 2 बजकर 46 मिनट तक है। शाम का मुहूर्त (शुभ-अमृत-चर) शाम 5 बजकर 29 मिनट से रात 10 बजकर 25 मिनट तक है। इसके अलावा रात्रि काल में पूजा मुहूर्त 1 बजकर 44 मिनट से 3 बजकर 22 मिनट तक है। उषाकाल मुहूर्त- सूर्योदय से पहले के काल को उषाकाल कहते हैं और इस दौरान ब्रह्म मुहूर्त भी होता है। दिवाली पर उषाकाल के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 2 मिनट से 6 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।

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