December 23, 2024

जैसे ही कहा- अपनी सेहत का रखें ध्यान…,अचानक गिर पड़े IIT के प्रोफेसर, हार्ट अटैक से गई जान

IIT

कानपुर। IIT कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर समीर खांडेकर (55) का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से शुक्रवार को निधन हो गया। वह आईआईटी कानपुर सभागार में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने जैसे ही मंच से कहा कि अपनी सेहत का रखें ध्यान…तभी अचानक उनके सीने में तेज दर्द उठा, चेहरा और शरीर पसीने से नहा गया और वह अचानक गिर पड़े। आईआईटी कानपुर के अन्य प्रोफेसर व कर्मी जब प्रो.खांडेकर को लेकर कार्डियोलॉजी अस्पताल पहुंचे तो वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जाता है 2019 में उन्हें कोलेस्ट्राल की समस्या हुई थी, इसे लेकर उनका इलाज चल रहा था।

आईआईटी के प्रशासनिक अफसरों ने बताया कि वह पूरी तरह से स्वस्थ थे लेकिन, अचानक ही उनकी मौत की खबर ने सभी को चौंका दिया है। प्रो.समीर खांडेकर के पास डीन आफ स्टूडेंट अफेयर की भी जिम्मेदारी थी। प्रो.समीर खांडेकर के निधन पर आईआईटी के कई वरिष्ठ प्रोफेसरों संग केंद्र सरकार के सचिव व पूर्व निदेशक प्रो.अभय करंदीकर ने भी दु:ख जताया हे।

विदेश में रहता है प्रोफेसर का बेटा
प्रोफेसर का बेटा प्रवाह खांडेकर कै​म्बिज यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहा है, उनके लौटने पर ही प्रो.समीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। अभी प्रोफेसर का शव संस्थान के हेल्थ सेंटर में रखा गया है। वहीं, प्रोफेसर की पत्नी प्रद्यन्या खांडेकर की तबियत खराब होने के चलते उन्हें आईआईटी के हेल्थ सेंटर में एडमिट कराया गया है।

आईआईटी कानपुर के समीप ही पूर्व प्रोफेसर एचसी वर्मा द्वारा एक शिक्षा सोपान आश्रम का संचालन किया जाता है। प्रो.समीर खांडेकर उस आश्रम से भी जुड़े थे। कुछ दिनों पहले हुए एक कार्यक्रम में उन्होंने छात्रों को विज्ञान के प्रयोगों की जानकारी खेल-खेल में दी थी। प्रो.समीर खांडेकर आईआईटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से जुड़े थे और सपरिवार आईआईटी कानपुर कैम्पस में रहते थे। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसरों का कहना था कि लगातार हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं। सभी लोगों को समय-समय पर अपने दिल की जांच जरूर करा लेनी चाहिए।

आईआईटी कानपुर से ही की थी पढ़ाई
समीर खांडेकर का जन्म 10 नवंबर 1971 को जबलपुर में हुआ था। इसके बाद वह सन् 2000 में आईआईटी कानपुर पढ़ने आ गए। उन्होंने यहां से बीटेक की उपाधि हासिल की और इसके बाद वह जर्मनी चले गए। जर्मनी में 2004 में उन्होंने पीएचडी पूरी की। इसके बाद वह सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करने आईआईटी कानपुर आ गए। 2009 में वह एसोसिएट प्रोफेसर बने और 2014 में वह प्रोफेसर बन गए। इसके बाद 2020 में वह मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के हेड बन गए थे और 2023 में उन्होंने डीन आफ स्टूडेंट अफेयर की जिम्मेदारी भी संभाली थी।

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