December 24, 2024

कालीचरण महराज का विवादित बयान : प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होने के लिए शंकराचार्यों को कहा- महान कार्य में विघ्न डाल रहे…

kalicharan

रायपुर। 20 जनवरी को बाइक रैली में शामिल होने के लिए कालीचरण रायपुर पहुंचे हैं. अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कालीचरण ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हमारे अस्मिता का केंद्र राम मंदिर हमें वापस मिल गया है. सभी हिंदुओं से आह्वान कर रहे हैं कि वे उत्सव मनाएं. वहीं शंकराचार्यों के अयोध्या न जाने को लेकर कालीचरण का विवादित बयान सामने आया है.

उन्होंने कहा कि प्रत्येक चरण एक पूर्णता ही है. कदम कदम बढ़ाकर मंज़िल तक पहुंच जाएंगे. एक मंदिर निर्माण होना भी हमारे लिए स्वप्न था. आशा ही नहीं थी कि राम मंदिर बनेगा. लेकिन अभी के यूपी और भारत के राजा ने बना दिया. हमारा स्वप्न साकार हो गया. पहले जगह भी तो हिंदुओं के पास नहीं थी. सभी साधुओं से आह्वान करता हूं अपने अहंकार को छोड़े और राजा का साथ देवें. ढाई हजार साल बाद राजा सम्राट के बाद हमें राजा मिले है. अयोध्या तो झांकी है काशी मथुरा और 5 लाख मंदिर बाकी है. इसलिए सारे हिन्दू साथ दें.

महान कार्य में विघ्न डाल रहे- कालीचरण

कालीचरण ने आगे कहा कि साधु संत अहंकार को चूल्हे में डालें और जो राजा हिंदुत्व का काम कर रहा है उसका साथ दें. हो सकता है शंकराचार्य अपने-अपने अहंकार सीधे करने की कोशिश में हों. अहंकार के सामने भगवान भी दुय्यम हो जाते हैं. सेक्स और अहंकार में लोग अटकते हैं. उन्होंने सेक्स छोड़ दिया अहंकार में अटक गए हैं. दोनों जिससे छूटे वो महापुरुष है. महान कार्य में अपनी सड़ी हुई बातों से विघ्न डाल रहे हैं.

जिन्होंने राम का विरोध किया वो राक्षस हैं- कालीचरण

कांग्रेस के अयोध्या न जाने को लेकर उन्होंने कांग्रेस को राक्षस बताते हुए कहा कि भूत पिशाच निकट नहीं आवे महावीर जब नाम सुनावें. राम का जिन्होंने विरोध किया वो कैसे जाएंगे. जिन्होंने राम का ही विरोध कर दिया वो राक्षस हैं. राक्षस कैसे जाएंगे. भगवान के पास राक्षस जा नहीं सकते जहां हनुमान जी हैं.

रघुपति राघव राजा राम, देश बचा गए नाथूराम- कालीचरण

महात्मा गांधी पर अमर्यादित टिप्पणी करने के बाद सुर्खियों में आए कालीचरण ने अब नाथूराम गोडसे को लेकर भी एक बयान दिया है. उन्होंने नाथूराम गोडसे को फिर से कोटि-कोटि नमस्कार किया और कहा कि रघुपति राघव राजा राम, देश बचा गए नाथूराम.

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