October 9, 2024

कुमार सानू ने की आत्महत्या : कॉल के 12 घंटे बाद पहुंची एंबुलेंस, खाना नहीं मिलने पर खा लिया था जहर

कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में करतला पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत जहर सेवन की घटना में एक युवक की मौत हो गई। जहर खाने की जानकारी होने पर मितान और घर के लोगों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया। 12 घंटे बाद एंबुलेंस के पहुंचने के चक्कर में पीड़ित के प्राण पर संकट खड़ा हो गया। मृतक के परिजनों का ऐसा कहना है।

आपात स्थिति में मरीजों को घर से अस्पताल ले जाने और वापस छोड़ने के लिए सरकार ने नेशनल एंबुलेंस सर्विस की सुविधा शुरू की है, जो देशभर में चल रही है। कोरबा जिले में जयस एजेंसी इसका क्रियान्वयन करने में लगी हुई है।

लगातार सही समय पर एंबुलेंस के नहीं पहुंचने को लेकर शिकायतें आ रही हैं और इसके कारण पीड़ितों की जान पर संकट खड़ा हो रहा है। इसी चक्कर में करतला क्षेत्र के रहने वाले कुमार सानू की मौत हो गई। 19 वर्षीय सानू अनुसूचित जनजाति परिवार से संबंध रखता है। घर पर भोजन नहीं मिलने से नाराज होकर उसने रात्रि में जहर सेवन कर लिया।

जहरीले पदार्थ का उपयोग कर लेने के कारण उसकी स्थिति बिगड़ना शुरू हुई।। घर के लोगों को जानकारी होने पर उन्होंने अपने परीक्षितों का अवगत कराया। पीड़ित को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस को फोन लगाया। रात को 108 पर फोन करने और जानकारी देने के लगभग 12 घंटे बाद एंबुलेंस उनके घर पहुंची। तब तक काफी देर हो चुकी थी। परिजनों ने बताया कि अगर समय पर एंबुलेंस पहुंचती तो कुमार सानू को बचाया जाना संभव हो सकता था।

मृतक के भाई राजू ने बताया कि शराब के नशे में देर रात घर पहुंचा। इसके बाद खाना खाने किचन में गया। इस दौरान खाना खत्म हो चुका था। फिर वह घर में तांडव करने लगा। घर की किचन में रखे सारे सामान को फेक दिया। उसके बाद उसने जहर सेवन कर लिया।

जब वह किचन में बेहोशी की हालत में पड़ा हुआ था। उन्हें लगा कि शराब पिया हुआ है। नशे में होगा। लेकिन जब पास जाकर देखा तो उसने जहर सेवन किया हुआ था। उसने इसकी सूचना पास में रहने वाली मितानिन को दी। जहां मौके पर पहुंची और 108 को डायल किया गया। लेकिन उपलब्ध नहीं होने के कारण 12 घंटे बाद संजीवनी एक्सप्रेस जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

परिजनों की माने तो 108 वाहन अगर समय रहते पहुंच जाता तो शायद युवक की जान बस सकती थी। इससे पहले भी कई मौकों पर ऐसा हो चुका है। जब पीड़ित के परिजनों ने 108 पर कॉल किया और एंबुलेंस की मदद मांगी। ऐसी स्थिति में पीड़ितों को अस्पताल ले जाने में अनावश्यक विलंब होता है और फिर पीड़ित की स्थिति गंभीर हो जाती है या फिर उन्हें दूसरे लोक गमन करना पड़ जाता है। पूरे मामले में प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की जानकारी में है। इन सब के बावजूद सेवाओं में सुधार नहीं हो रहा है। जो अत्यंत चिंताजनक है।

error: Content is protected !!