December 24, 2024

CG में जल जीवन मिशन के तहत सिर्फ कागजों में हुआ काम, जमीनी हकीकत कुछ और….

BMT-JAL JIVAN1

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले (Bemetara) में जल जीवन मिशन के नाम पर मात्र लीपापोती की जा रही है. केंद्र सरकार (Central Government) की इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत बेमेतरा जिले के 688 गांवों में पीने योग्य पानी (Drinking Water) पहुंचाना है, लेकिन 600 करोड़ की लागत वाली इस योजना (Jal Jeevan Mission) में ठेकेदारों द्वारा किए गए काम की सच्चाई कुछ और ही है. जमानी स्तर (Ground Report) पर इस योजना की हकीकत चेक करने के लिए जनरपट टीम बेमेतरा जिले की जमीनी हकीकत जांचने पहुंची. जहां जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही सामने आई. बता दें कि केंद्र सरकार इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत वर्ष 2025 तक हर घर में जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.

जल जीवन मिशन के तहत जिन गांवों में काम पूरा होने का दावा किया गया था, उन्हीं गांवों में हमारी टीम पहुंची. जहां ग्रामीणों ने पीने योग्य पानी नहीं मिलने की शिकायत की. ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों को फोन लगाने पर अधिकारी फोन नहीं उठाते. हमारी टीम जिले के अमोरा, करचुआ ढोलिया, खुरूसबोड, सैगोना, आदु समेत कई गांवों में पहुंची. जहां की स्थिति बेहद ही खराब थी. बेमेतरा जिले में चार विकासखंड क्षेत्र आते हैं साजा, बेरला, नवागढ़ और बेमेतरा. इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा खराब स्थिति बेमेतरा और साजा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गांवों की है. यहां के लोग आज भी पीने के पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं को लेकर परेशान हैं.

काम पूरा होने के बावजूद नहीं मिल रहा पानी
कई गांवों में जल जीवन मिशन का कार्य पूरा होने के बावजूद ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा है, तो कई गांवों में कार्य बंद पड़े हैं. इसके साथ ही ठेकेदारों की मनमानी भी सामने आई है. कई ठेकेदार कार्य पूरा होने के बारे में संबंधित गांव के सरपंच को जानकारी नहीं दे रहे हैं. इन इलाकों में योजना के तहत होने वाले कार्यों में गड़बड़ी भी सामने आई है. ठेकेदार तय मानक को ताक में रखकर काम कर रहे हैं. कई जगह तो गांव की सड़कों को खोद कर छोड़ दिया गया है, जिसके चलते गांव की गलियों में कीचड़ फैल रहा है. यहां के ग्रामीण परेशान हैं. लगातार शिकायत करने के बावजूद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं.

थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन महज औपचारिकता
जल जीवन मिशन के तहत होने वाले कार्यों का थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन महज औपचारिकता मात्र है. बता दें कि थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के बगैर ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया जाता है. इस इंस्पेक्शन के तहत तकनीकी जानकार और पदाधिकारी फील्ड पर जाकर कार्यों की गुणवत्ता समेत अन्य कार्यों की जांच करते हैं. जिसके बाद जांच रिपोर्ट तैयार कर ठेकेदार का भुगतान होता है. लेकिन, बेमेतरा जिले में अधिकारियों के द्वारा घर में बैठकर ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर सहमति दे दी जाती है. थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के लिए संबंधित संस्था को भुगतान भी किया जाता है, लेकिन इसका अमल जिले में नहीं हो रहा है.

कलेक्टर की अध्यक्षता में हो चुकी बैठक
बेमेतरा के नवपदस्थ कलेक्टर रणवीर शर्मा की अध्यक्षता में जिला जल जीवन स्वच्छता मिशन की बैठक आयोजित हो चुकी है. जिसमें कार्यपालक अभियंता और समिति के सदस्य सचिव भी शामिल थे. इस बैठक में धीमी कार्य प्रगति को लेकर कलेक्टर ने नाराजगी भी जाहिर की थी. इसके साथ ही निर्माण कार्य में गुणवत्ता और कमी को लेकर भी बैठक में चर्चा की हुई थी.

error: Content is protected !!