नक्सलियों के शहरी नेटवर्क मामले में बिलासपुर का ठेकेदार गिरफ्तार
कांकेर। नक्सलियों के शहरी नेटवर्क मामले में बिलासपुर निवासी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के एक ठेकेदार को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही माओवादियों के शहरी नेटवर्क मामले में अब तक 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एसआइटी निरंतर मामले की जांच कर रही है। एक-दूसरे से जुड़े तार को खंगालकर संलिप्त पाए जाने वालों को पुलिस एक के बाद एक गिरफ्तार कर रही है। 24 मार्च से अब तक 12 गिरफ्तारी हो चुकी है। इसमें कुछ और रसूखदार लोगों की संलिप्तता की भी जानकारी मिल रही है। कांकेर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार निशांत कुमार जैन 41 वर्ष पिता सुरेश जैन निवासी शांति नगर रिंग रोड-दो बिलासपुर को गिरफ्तार किया गया है।
अनुसंधान सेल को जानकारी मिली थी कि वह अंदरूनी इलाकों में नक्सलियों को जूते, वर्दी, बम बनाने के लिए तार और अन्य जरूरी सामग्री सहित राशन और नगदी रकम की सप्लाई भी करता है। वह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कें बनाने वाली कंपनी लैंडमार्क इंजीनियर बिलासपुर के मालिक हैं। कांकेर जिले के अंदरूनी गांवों कोयलीबेडा, आमाबेडा, सिकसोड, रावघाट, ताडोकी व अन्य जगहों पर रोड निर्माण के साथ ही नक्सलियों के लिए सामान पहुंचाता था।
गौरतलब है कि नक्सलियों का शहरी नेटवर्क चलाने वाले राजनांदगांव के एक ठेकेदार सहित पांच आरोपितों को कांकेर पुलिस ने 24 मार्च 2020 को गिरफ्तार किया था। ये आरोपित लॉकडाउन के दौरान एक वाहन में दैनिक उपयोग की सामग्री और बम बनाने का सामान लेकर नक्सलियों तक पहुंचाने जा रहे थे। जांच में लगी पुलिस ने वाहन की तलाशी ली तो मामले का खुलासा हुआ था।आरोपितों के बारे में पुलिस को पहले से ही संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। इस सूचना के आधार पर उन्हें रंगे हाथों पकड़ने के लिए बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कांकेर कीर्तन राठौर के नेतृत्व में विशेष अनुसंधान टीम का गठन किया गया था। टीम लगातार आरोपितों की गतिविधियों पर नजर रख रही थी।
जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि लैंडमार्क इंजीनियरिंग कंपनी बिलासपुर के निशांत जैन और लैंडमार्क रायल इंजीनियरिंग कंपनी राजनांदगांव के वरुण जैन के नाम से कांकेर जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अंतागढ़, आमाबेड़ा, सिकसोड़, कोयलीबेड़ा जैसे नक्सल प्रभावित में सड़क निर्माण का काम दिया गया है जिसे वे एक पार्टनर फर्म रूद्रांश अर्थ मूवर के अजय जैन और कोमल वर्मा के माध्यम से करा रहे हैं।
इस बीच नक्सलियों से संपर्क होने पर वे माओवादियों को सामग्रियों की आपूर्ति करने लगे हैं। उनके द्वारा अंदरूनी इलाके में काम कराने के दौरान नक्सलियों से संपर्क होने पर वे उन्हें शहर से आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति करने लगे। इस तरह नक्सलियों का शहरी नेटवर्क तैयार हो गया है।