Raipur Lok Sabha Seat : रायपुर सीट का इतिहास, विद्याचरण शुक्ल,रमेश बैस जैसे दिग्गजों का रहा सियासी प्रभाव
रायपुर । Raipur Lok Sabha Seat History: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी पार्टियां तैयारियों में जुटी हुईं हैं. छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. पिछले 2 लोकसभा चुनावों से बीजेपी यहां शानदार प्रदर्शन कर रही. वहीं रायपुर सीट की बात करें तो यहां भी कई वर्षों से बीजेपी लगातार जीत रही है. पिछला चुनाव भारतीय जनता पार्टी के सुनील कुमार सोनी ने जीता था, इस बार भाजपा ने आठ बार के विधायक और अपने कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल को चुनावी रण में उतार कर सब को चौका दिया हैं। आइए जानते हैं इस सीट का इतिहास और समीकरण…
छत्तीसगढ़ रायपुर लोकसभा सीट
छत्तीसगढ़ रायपुर लोकसभा सीट की बात करें तो इसकी स्थापना 1952 में हुई थी. इसमें दो जिलों- रायपुर और बलौदा बाजार की विधानसभा सीटें शामिल हैं. रायपुर लोकसभा सीट में नौ विधानसभा सीटें हैं.
हाल ही में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हुए. रायपुर लोकसभा सीट में आने वाली विधानसभा सीटों की चुनावी नतीजों की बात करें तो सिर्फ भाटापारा में कांग्रेस के इंद्र कुमार साव जीते, बाकी सभी सीटें बलौदा बाजार, धरसींवा, रायपुर शहर ग्रामीण, रायपुर शहर पश्चिम, रायपुर शहर उत्तर, रायपुर शहर दक्षिण, आरंग और अभनपुर में भाजपा जीती.
छत्तीसगढ़ रायपुर लोकसभा सीट का इतिहास
रायपुर लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो पहले दो चुनावों में रायपुर में दो लोकसभा सीटें थीं. 1952 में रायपुर संसदीय सीट से कांग्रेस के भूपेन्द्र नाथ मिश्रा और मिनीमाता अगम दास गुरु ने जीत हासिल की थी. बता दें कि मिनीमाता अगम दास गुरु महिला कांग्रेस नेता थीं. जिन्होंने सामाजिक मुद्दों और महिला सशक्तिकरण की वकालत की. उन्होंने अलग-अलग सीटों से पांच बार लोकसभा चुनाव जीता. इसके बाद 1957 के बाद हुए चुनावों में बीरेंद्र बहादुर सिंह और केशर कुमारी देवी की विजय हुई थी.
1962 के चुनाव में रायपुर में एक लोकसभा सीट हो गई थी. जहां कांग्रेस पार्टी ने केशर कुमारी देवी को मैदान में उतारा था. जहां उन्होंने दोबारा इस सीट पर जीत हासिल की. अगले दो चुनावों में भी कांग्रेस जीती. 1967 में लखन लाल गुप्ता और 1972 में विद्याचरण शुक्ल चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. बता दें कि 1967 के चुनाव में कांग्रेस के लखनलाल गुप्ता विजयी रहे थे. उनके प्रतिद्वंद्वी जेबी कृपलानी थे, जिन्हें आचार्य कृपलानी के नाम से भी जाना जाता था. कृपलानी 1947 में भारत की आजादी के दौरान वह कांग्रेस के अध्यक्ष थे. हालांकि, बाद में कृपलानी ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया था और 1967 में जन कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. जहां कृपलानी गुप्ता से पराजित हुए थे.
कांग्रेस की पहली हार
आपातकाल के बाद 1977 में देश में चुनाव हुए. जहां पहली बार कांग्रेस पार्टी देश की सत्ता से बाहर हुई. यहां तक कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी चुनाव हार गईं. रायपुर की जनता ने भी बदलाव किया. जनता पार्टी के पुरूषोत्तम कौशिक ने विद्याचरण शुक्ल को हराकर जीत हासिल की. आपको बता दें कि रायपुर सीट पर कांग्रेस की यह पहली हार थी और पार्टी का लंबे समय से चला आ रहा दबदबा खत्म हो गया.
1977 का चुनाव हारने वाले विद्याचरण शुक्ल की बात करें तो वह आपातकाल के दौरान सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री थे. कहा जाता है कि उन्होंने किशोर कुमार के गानों को ऑल इंडिया रेडियो पर बैन कर दिया था क्योंकि किशोर कुमार ने इंदिरा गांधी की रैली में गाने से मना कर दिया था. विद्याचरण शुक्ल की गिनती छत्तीसगढ़ के कद्दावर नेताओं में होती थी. उन्होंने 9 बार लोकसभा चुनाव जीता. उनके पिता रविशंकर शुक्ला मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे. उनके बड़े भाई श्यामाचरण शुक्ल भी MP के CM थे.
80 का दशक
1980 के चुनाव में कांग्रेस ने रायपुर में वापसी की. केयूर भूषण ने 1980 और 1984 में कांग्रेस के सिंबल से चुनाव लड़कर जीत हासिल की. 1989 में इस सीट पर रमेश बैस की जीत एक निर्णायक मोड़ थी. रायपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी की यह पहली जीत थी. 1991 में हुए सभी चुनावों में कांग्रेस के विद्याचरण शुक्ल ने जीत हासिल की. 1996, 1998, 1999, 2004 और 2009 में रमेश बैस की लगातार जीत से बीजेपी का गढ़ मजबूत हुआ.
रमेश बैस की बात करें तो उन्होंने रायपुर सीट से सात बार सांसद का चुनाव जीता. बैस ने भारत सरकार में विभिन्न मंत्री पदों पर कार्य किया. वर्तमान में वह महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं. इससे पहले वह त्रिपुरा और झारखंड के राज्यपाल भी थे. वहीं, 2019 के चुनाव में बीजेपी ने रमेश बैस की जगह सुनील कुमार सोनी को मैदान में उतारा था. 2019 में सुनील कुमार सोनी ने भी यहां बीजेपी के बैनर तले जीत हासिल की थी.
पिछले तीन चुनावों के नतीजे
2019 के चुनाव में रायपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के सुनील कुमार सोनी ने 837902 वोट हासिल कर कांग्रेस के प्रमोद दुबे को हराया था. वहीं 2014 और 2009 के चुनाव में बीजेपी के रमेश बैस ने जीत हासिल की थी. उन्होंने 2014 में कांग्रेस के सत्य नारायण शर्मा और 2009 में कांग्रेस के भूपेश बघेल को हराया था.
रायपुर लोकसभा सीट के सांसदों की सूची
साल सदस्य पार्टी
1952 भूपेन्द्र नाथ मिश्रा कांग्रेस
मिनीमाता अगम दास गुरु कांग्रेस
1957 बीरेंद्र बहादुर सिंह कांग्रेस
केशर कुमारी देवी कांग्रेस
1962 केशर कुमारी देवी कांग्रेस
1967 लखन लाल गुप्ता कांग्रेस
1971 विद्याचरण शुक्ल कांग्रेस
1977 पुरूषोत्तम कौशिक जनता पार्टी
1980 केयूर भूषण कांग्रेस
1984 केयूर भूषण कांग्रेस
1989 रमेश बैस भाजपा
1991 विद्याचरण शुक्ल कांग्रेस
1996 रमेश बैस भाजपा
1998 रमेश बैस भाजपा
1999 रमेश बैस भाजपा
2004 रमेश बैस भाजपा
2009 रमेश बैस भाजपा
2014 रमेश बैस भाजपा
2019 सुनील कुमार सोनी भाजपा