महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में CM उद्धव ठाकरे सहित 9 निर्विरोध चुने गए
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित नौ लोग गुरुवार को विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए। ये सभी सीटें 24 अप्रैल को खाली हुई थीं और इन पर द्विवार्षिक चुनाव 21 मई को होना था। मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उद्धव ठाकरे को 27 मई तक विधान मंडल के दो में से एक सदन की सदस्यता लेना अनिवार्य था, क्योंकि 28 नवंबर 2019 को पद की शपथ लेने के समय वह किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। उद्धव के साथ ही भाजपा की ओर से रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पडलकर, प्रवीण दाटके एवं रमेश कराड, शिवसेना की नीलम गोरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शशिकांत शिंदे एवं अमोल मिटकरी तथा कांग्रेस के राजेश राठौड़ भी विधान परिषद के लिए निर्वाचित घोषित किए गए।
उद्धव पहली बार किसी सदन के सदस्य बने हैं। पिछले चुनाव में उनके पुत्र आदित्य ठाकरे मुंबई की वरली विधान सभा सीट से चुनाव जीतकर ठाकरे परिवार से सदन में पहुंचने वाले पहले सदस्य बने थे। विधान परिषद चुनाव के दौरान जहां भाजपा में आपसी टकराव नजर आया, वहीं उद्धव को भी एक बार चुनाव न लड़ने की धमकी देनी पड़ी थी। दरअसल, कांग्रेस द्वारा दो उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद चुनाव की नौबत आ रही थी, जिसके कारण उद्धव ठाकरे ने खुद चुनाव न लड़ने का प्रस्ताव रख दिया था। इसके बाद कांग्रेस को अपना एक उम्मीदवार वापस लेना पड़ा। दूसरी तरफ, भाजपा में भी अपने वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज कर अन्य दलों से आए नए लोगों को टिकट देने से उपजी नाराजगी सतह पर आने लगी है।