लंबे समय से निष्क्रिय खाते में अचानक होने लगे लेनदेन तो तुरंत दें सूचना : कलेक्टर
बेमेतरा । कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी रणबीर शर्मा ने शुक्रवार को लोकसभा आम चुनाव के परिप्रेक्ष्य में जिले के बैंकिंग संस्थाओं की बैठक ली। कलेक्टर ने कहा कि निर्वाचन के दौरान चुनाव अभ्यर्थियों का जीरो बैलेंस खाता खोला जाए। साथ ही चुनाव के समय बैंक खाताओं से होने वाले संदेहास्पद लेनदेन, किसी खाते से अधिक संख्या में पैसे की निकासी और एक ही दिन में अलग-अलग नाम से निकासी अवांछित लेनदेन होने की स्थिति में तुरंत ही सूचना दी जाए। उन्होंने कहा की निर्वाचन प्रक्रिया की शुद्धता बनाये रखने के लिये निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान बैंकों से किये गये संदेहजनक लेन-देन जिला निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने बैंकर्स से कहा की चुनावी व्यय हेतु उम्मीदवार को नया खाता खोलना चाहिए, पहले का कोई खाता नहीं मान्य होगा भले ही उनका बैलेंस शून्य हो।
नामांकन के समय उम्मीदवार को अपने परिवार के सभी सदस्यों के बैंक खाते की जानकारी देंगे और बैंक इन सभी खातों की निगरानी रखेगा। संदेहास्पद अंतरण/बहुतायत अंतरण की जानकारी RO/ARO व जिला नोडल अधिकारी व्यय अनुवीक्षण को प्रतिदिन अनिवार्य रूप से प्रेषित करें। एटीएम में कैश भरने वाले सभी कर्मचारी के पहचान पत्र बनाने को कहा और साथ ही कैश वैन में नगद राशि के पर्याप्त साक्ष्य व अभिलेख मौजूद हो। जिला निर्वाचन अधिकारी शर्मा ने सभी बैंकर्स को आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम या चेक/नगद भुगतान हो एक लाख के अंतरण पर नजर रखना है। 10 लाख या ज्यादा की जानकारी निर्वाचन कार्यालय एवं आयकर अधिकारी को देना है। लंबे समय से अनुपयोगी खातों में अचानक बड़े लेनदेन की सूचना देने के निर्देश दिए। यह निर्देश सभी शासकीय/सहकारी/निजी बैंकों के लिए है।
मास्टर ट्रेनर ने बैठक में बताया कि चुनाव के दौरान बैंकों के माध्यम से कैश फ्लो की निगरानी हेतु निर्वाचन आयोग द्वारा इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम एप में सुविधा है। सभी शासकीय/अर्ध शासकीय बैंक शाखाओं का संपूर्ण विवरण ऑनलाइन पोर्टल में एंट्री किया जाना अनिवार्य है। बैंकों द्वारा कैश वाहन के परिवहन किए जाने हेतु ऑनलाइन पोर्टल में डीएलबीसी लॉगिन के माध्यम से समस्त बैंक ब्रांच जिनके द्वारा कैश वहां का परिवहन किया जाना है इत्यादि प्रोफाइल बनाकर लॉगिन करना पड़ेगा होगा। इसके पश्चात कैश वाहन जाने पर उसकी पूर्ण जानकारी एंट्री करें। क्यूआर कोड जनरेट कर वाहन में लगाना होगा। कैश ट्रांसफर ट्रांसपोर्टेशन में उपयोग में ले जाने वाले वाहन में क्यूआर कोड चस्पा करना अनिवार्य होगा, जिसमें वाहन संबंधी जानकारी जैसे वहां की जानकारी दी एक बार जनरेट कर कोड एक बार में कैश ट्रांजैक्शन हेतु ही उपयोग किया जाएगा। क्यूआर कोड जनरेट करने पर चुनाव के दौरान चेक-पोस्ट/नाके में जांच किए जाने पर बार कोड स्कैनिंग के माध्यम से ऑथेंटिकेशन किया जाएगा, जिससे असुविधा नहीं होगी।
उन्होंने बताया की लेनदेन की समस्त रिकॉर्डिंग सीसीटीवी के माध्यम से अनिवार्य रूप से रखा जाए। ऑनलाइन बैंकिंग यूपीआई के माध्यम से होने वाले लेनदेन की भी निगरानी की जाए। यदि किसी बैंक खाता यूपीआई के माध्यम से लगातार कैश ट्रांजेक्शन किया जाता है या किसी बैंक खाता जिस पर काफी समय से लेन देन ना हुआ हो और उस खाते से ही लेनदेन किया जाता है तो इसकी सूचना भी दी जाए। उन्होंने बैंकर्स को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देश का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया।