CG – गजब की साइकिल! : बिना पैडल मारे चलेगी, सिंचाई में करेगी मदद, सिर्फ 35 हजार रुपए है कीमत…
रायपुर। छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय एमटेक के विद्यार्थियों ने सौर ऊर्जा से चलने वाली साइकिल की नई तकनीक इजाद की है. इस साइकिल की सहायता से किसान घर से खेत तक पहुंचने के अलावा खेतों की सिंचाई भी आसानी से कर सकते हैं. साइकिल में पीछे कैरियर की जगह सोलर पैनल लगाया गया है, जिसे विद्युत मोटर वाले सेंट्रीफ्यूगल मोटर से कनेक्ट किया गया है. इससे थकने की स्थिति में मोटर की सहायता से बिना पैडल मारे ही साइकिल चलेगी. इसके अलावा नदी, नाले या फिर पानी टंकी से सबमर्सिबल पंप लगाकर इसी मोटर की सहायता से पानी खींचकर खेतों की सिंचाई भी आसानी से की जा सकेगी.
साइकिल में लगी इतने बोल्ट की बैटरी
मृदा एवं जल अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र सिन्हा ने जनरपट को बताया कि इस साइकिल में सोलर पैनल को साइकिल की पंखों के रूप में लगाया गया है, जो आवश्यकता पड़ने पर आसानी से सिकोड़ी व फैलाई जा सकती है. साइकिल में 36 वोल्ट की बैटरी लगी है. बैटरी को बिजली से दो घंटे में चार्जिंग कर सकते हैं. सोलर पैनल से तीन घंटे में चार्जिंग होता है. साइकिल को प्रति 30 किमी प्रति घंटे से चला सकता है. इसके अलावा मोबाइल चार्जिंग भी कर सकते हैं. जबकि सिंचाई फुल चार्जिंग में लगभग दो घंटे तक चलाया जा सकता है, यानी आधा हार्स कम मोटर को घुमाया जा सकता है. अभी इसे तैयार करने में लगभग 35 हजार रुपए की लागत आई है.
सोलर पैनल व मोटर से कर सकते हैं ये उपयोग
प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र सिन्हा ने जनरपट को आगे बताया कि साइकिल के पैडल घुमाने पर सबमर्सिबल पंप शुरू हो जाएगा और टंकी या फिर नाले से पानी खींचकर आसानी से खेती की सिंचाई भी की जा सकेगी. इतना ही नहीं, इसी सोलर पैनल व मोटर से घर में उपयोग के लिए एलइडी बल्ब भी जलाया जा सकता है. यह विशेष रूप से पठारी स्थलों व अधिक सौर ऊर्जा वाले स्थानों के लिए सबसे कारगर है, क्योंकि कई जगहों पर अभी बिजली नहीं पहुंच पाई है. बिना बिजली, बिना डीजल के जल पंपिंग करने के साथ यातायात का एक वैकल्पिक साधन भी है. सौर साइकिल के संचालन के लिए बिजली के अलावा सौर ऊर्जा से भी चार्जिंग की जा सकती है.