November 16, 2024

‘हरा सोना’ बस्तर वासियों को बनाएगा लखपति : टारगेट से अधिक की हुई खरीदी, ऑनलाइन करोड़ों ट्रांसफर होंगे

जगदलपुर। हरा सोना कहलाने वाला तेंदूपत्ता से इस बार बस्तर का ग्रामीण लखपति बनने जा रहा है। हर साल मई-जून के महीने में तोड़ा जाने वाला तेंदुपत्ता इस बार आदिवासियों को लखपति बना देगा। अकेले बस्तर वनमंडल में हरे सोने की तोड़ाई टारगेट से अधिक की खरीदी की गई है और चारों वनमंडल में 1 लाख 81 हजार 827 परिवारों के खातों में सीधे ऑनलाइन करोडों रुपये ट्रांसफर किये जाएंगे। सभी परिवारों को उनके खातों में कुल 1 अरब 55 करोड़ 49 लाख रुपये डालने की तैयारी वन विभाग ने शुरू कर दी है।

80 करोड़ नगद भुगतान होगा

जिन ग्रामीणों के खाते नहीं है, उन्हे 80 करोड़ का नगद भुगतान किया जाएगा। आदिवासी ग्रामीणों के आय का प्रमुख साधन तेंदुपत्ता है और इस बार विभाग ने लक्ष्य से अधिक की खरीदी की है। तेंदुपत्ता के भुगतान के संबंध में बस्तर के वन संरक्षक सी दुग्गा ने बताया कि, हरा सोना बस्तर के ग्रामीणों के लिए किसी आभूषण से कम नही है और पहली बार रिकार्ड तोड़ ख़रीदी की गई है। सभी संग्राहकों के खातों में 155 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये जा रहे हैं। साथ ही कहा कि, हरा सोना ग्रामीणों के लिए आय का बड़ा साधन है। यही कारण है कि, बसतर के आदिवासी इस तेंदुपत्ता की तोड़ाई से लखपति बनकर आर्थिक रुप से मजबूत हो जाएंगे।

हाट बाजार में लगाए जाएंगे कैंप
लाभार्थी किसानों को सहायता राशि का लाभ समय से मिल सके, इसके लिए छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने एक कारगर उपाय निकाला है. दरअसल छत्तीसगढ़ में दूरदराज के Tribal Areas में बैंक की शाखाएं दूर दूर होने के कारण तेंदूपत्ता संग्रहण करने वाले किसानों को उपज की खरीद के एवज में Direct Bank Transfer यानी डीबीटी के माध्यम से भेजे जा रहे पैसे का लाभ समय पर नहीं मिल पाता था. सरकार की ओर से बताया गया कि सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के तेंदूपत्ता संग्राहक किसानों काे एक निश्चित समय तय करके उपज संग्रह के पारिश्रमिक का भुगतान किया जाएगा. इसके लिए हाट-बाजारों में समय समय पर कैंप लगाए जाएंगे. इन कैंप में तेंदूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2024 में पारिश्रमिक राशि का नकद भुगतान किया जाएगा.

वन मंत्री ने दिए दिशा निर्देश
छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप की ओर से बताया गया कि विभाग द्वारा इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के अलावा अन्य जिलों में तेंदूपत्ता संग्राहकों को उनके खाते में पारिश्रमिक राशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से ही किया जाएगा. तेंदूपत्ता संग्रहण का नकद भुगतान जिला कलेक्टर की निगरानी में किया जाएगा.

नकद भुगतान की होगी वीड‍ियोग्राफी
राव ने बताया कि नकद भुगतान के लिए पात्र किसानों का निर्धारण कलेक्टर द्वारा किया जाएगा. ऐसे प्रत्येक पात्र किसान का नकद भुगतान कलेक्टर की अनुमति से होगा. इसके लिए इन तीनों जिलों में कलेक्टर, वन मंडल अधिकारी एवं प्रबंध संचालक द्वारा आपसी समन्वय से प्रस्तावित क्षेत्र के अंतर्गत हाट बाजार या अन्य उपयुक्त स्थान पर कैंप लगाया जाएगा.

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