September 21, 2024

युक्तियुक्तकरण के दोषपूर्ण निर्देश वापस नहीं लिये तो शिक्षा व्यवस्था हो जायेगी चौपट : वीरेंद्र दुबे

रायपुर। छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण के खिलाफ आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। शिक्षक संगठन लगातार लामबंद हैं और युक्तियुक्तकरण के आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग कर रहे हैं। 2 अगस्त को जारी स्कूल व शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण आदेश के विरोध में राज्य के चार प्रमुख शिक्षक संगठनों ने आंदोलन का ऐलान किया है। सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन, शालेय शिक्षक संघ, टीचर्स एसोसिएशन और नवीन शिक्षक संघ के शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने पहले चरण में प्रदेश भर में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। अब मोर्चा के आंदोलन का दूसरा चरण चल रहा है। जिसमें प्रदेश भर में सभी मंत्री, विधायक व सांसदों से मुलाकात कर मोर्चा ना सिर्फ ज्ञापन सौंप रहा है, बल्कि युक्तियुक्तकरण की खामियों को भी बता रहा है।

शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संचालक वीरेंद्र दुबे की अध्यक्षता में प्रतिनिधिमंडल ने उप मुख्यमंत्री व मंत्रियों से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। वीरेद्र दुबे ने उप मुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा से मुलाकात कर युक्तियुक्तकरण की दोषपूर्ण नीतियों की जानकारी दी। वीरेंद्र दुबे ने कहा कि युक्तियुक्तकरण के जो निर्देश हैं, वो 2008 के स्कूल सेटअप को प्रभावित करते हैं। इससे स्कूल की व्यवस्था चरमरायेगी, छात्रों का हित प्रभावित होगा।

वीरेंद्र दुबे की बातों को सुनने के बाद उप मुख्यमंत्री ने सार्थक पहल करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में वो अधिकारियों से जानकारी लेंगे। वीरेंद्र दुबे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व शिक्षा मंत्री व मौजूदा सांसद रहे बृजमोहन अग्रवाल से भी मुलाकात की और उनसे इस संदर्भ में पहल करने की अपील की। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भी इस दिशा में पहल करने के संकेत दिये हैं।

वीरेंद्र दुबे ने युक्तियुक्तकरण के मुद्दे पर उद्योग व श्रम मंत्री लखनलाल देवांदन से भी चर्चा की। मंत्री को युक्तियुक्तकरण से होने वाले दुष्प्रभाव की भी जानकारी दी गयी। मोर्चा के संचालक वीरेंद्र दुबे ने कहा कि अगर सरकार ने दोषपूर्ण नीतियों को तुरंत वापस नहीं लिया, तो गुणवत्ता युक्त शिक्षा की बात बेमानी हो जायेगी। मंत्री देवांगन ने इस संदर्भ में उचित पहल करने की बात कही है। प्रतिनिधिमंडल मेंं वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत , प्रांतीय संचालक,धर्मेश शर्मा,भानु डहरिया,कृष्णराज पांडे,ओम प्रकाश सोनकला,जितेंद्र मिश्रा,लेखराम साहू वा अन्य साथीगण मौजूद थे।

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