September 29, 2024

MP : ये क्या… भोग से पहले चख लिया बाबा महाकाल का प्रसाद! बवाल मचा तो BJP नेता ने दी ये सफाई

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के लड्डू प्रसाद को लेकर शनिवार को बवाल मच गया. कांग्रेस ने वीडियो जारी कर भाजपा नेता पर प्रसाद के लिए पिसी जाने वाली दाल को झूठा करने का आरोप लगाया. वहीं भाजपा नेता ने इस पर सफाई देते हुए कांग्रेस को मंदिर पर राजनीति नहीं करने की नसीहत दे डाली.

ये है मामला
दरअसल शुक्रवार को महाकाल मंदिर के समीप गंभीर हादसा होने के कारण प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल शनिवार को महाकाल मंदिर पहुंचे थे. यहां घटना स्थल का मुआयना कर वे भाजपा जिला महामंत्री संजय अग्रवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव के साथ चिंतामण क्षेत्र स्थित लड्डू प्रसादी यूनिट का निरीक्षण करने पहुंच गए. यहां सहायक प्रशासक और यूनिट प्रभारी पीयूष त्रिपाठी उन्हें प्रसाद निर्माण की प्रक्रिया बता रहे थे.

इसी दौरान अग्रवाल ने लड्डू के लिए पीसी जाने वाली चना दाल में से एक मुट्ठी चक्की में से उठाई और दो बार में कुछ दाने मुंह में डालकर शेष वापस चक्की में डाल दिया. इस दौरान मंदिर प्रशासन द्वारा कवरेज के लिए वीडियो बनाया जा रहा था. इसमें से अग्रवाल का दाल खाने का वीडियो सामने आते ही बवाल मच गया. बता दें कि तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में मिलावट का मामला सामने आने के कारण मंत्री टेटवाल लड्डू प्रसादी यूनिट पहुंचे थे.

भाजपा ने आस्था को ठेस पहुंचाई
कांग्रेस नेता और सहकारी बैंक के पूर्व प्रशासक अजीत सिंह ने निरीक्षण के वीडियो के साथ बयान जारी करते हुए आरोप लगाया कि जिस दाल से भगवान महाकाल को अर्पित करने वाला लड्डूओं का भोग बनेगा, जिसे भक्त श्रध्दा के साथ प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगे. उस दाल को चक्की से पिसते हुए क्वालिटी चेक करने के नाम पर खाना और फिर उसी हाथ से चक्की में डालना शर्मनाक है.

भाजपा महामंत्री अग्रवाल ने लड्डू प्रसादी को झूठा कर दिया. उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा ने लाखों श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत किया है.

भाजपा नेता ने मांगी माफी
कांग्रेस द्वारा वीडियो वायरल कर आरोप लगाने पर भाजपा महामंत्री अग्रवाल ने सफाई दी. उन्होंने क्षमा मांगते हुए कहा कि में दाल का व्यापारी हूं. दाल की क्वालिटी चेक करने के लिए मैंने दाल को मुंह में लिया था. लेकिन मैंने झूटी दाल चक्की में नहीं डाली. कांग्रेस से निवेदन करता हूं कि मंदिर को राजनीति से दूर रखें. लेकिन फिर भी किसी की भावना आहत हुई है तो मैं क्षमा मांगता हूं.

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