October 6, 2024

सत्ता पे सट्टा…बाजार को फारूक अब्दुल्ला से ज्यादा शाह के नाम पर भरोसा; सटोरियों को BJP से अधिक उम्मीद

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के परिणाम से पहले सट्टा बाजार गर्म है। मुंबई और जयपुर के फलौदी सट्टा बाजार ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव पर भी अपना भाव लगाया है। इसमें भाजपा पर ढाई से तीन रुपये का भाव लगाया है। यह भाव केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नाम पर लग रहा है।

इसका अर्थ है कि सट्टा बाजार को उम्मीद है कि अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद प्रदेश में कई परिवर्तन हुए हैं जिनको लोग पसंद कर रहे हैं। सट्टा बाजार को उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर के जम्मू संभाग में भाजपा बढ़त बना लेगी। हालांकि सट्टा बाजार के भाव शेयर मार्केट के फ्यूचर-ऑप्शन की तरह ही अस्थिर रहते हैं।

ये हवा के रुख के साथ अंतिम समय में पल-पल बदलते रहते हैं। सट्टा बाजार को दूसरी उम्मीद नेकां यानी नेशनल कॉन्फ्रेंस से है। बाजार विशेषज्ञ मानते हैं नेकां का मुस्लिम मतदाताओं में खासा आधार है और पार्टी ने पिछले 10 साल में अपनी छवि को सुधारने पर काम किया है।

सट्टा बाजार ने कश्मीर संभाग में नेकां की संभावनाओं पर चार से पांच रुपये का भाव लगाया है। यह भाव नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के नाम पर लगा है। बाजार को उम्मीद है कि पार्टी मुस्लिम बहुल इलाकों में पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।

तीसरा और सबसे कम भाव छह से सात रुपये पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर लग रहा है। सट्टा बाजार का मानना है कि पार्टी ने अपनी पुरानी छवि को बरकरार नहीं रख पाई है। पीडीपी पर लोगों के विश्वास में कुछ कमी महसूस की गई है।

महबूबा के खुद चुनाव मैदान से हटने पर भी सट्टा बाजार में पीडीपी के भाव कमजोर चल रहे हैं। सट्टा बाजार ने पहली बार निर्दलयी पर भी भाव लगाया है और इन पर 10 से 15 रुपये का भाव है।

सट्टा लगाने वालों का कहना है कि इंजीनियर रशीद के जेल से रिहाई के बाद उनकी अवामी इत्तेहाद पार्टी और जमात से लड़ रहे निर्दलीय एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर टक्कर में हैं। हालांकि बाजार ने इनकी जीत की उम्मीद को कम आंका है लेकिन भाव जरूर दिया है।

शेयर बाजार में जेके बैंक भी दिखा कमजोर
जम्मू-कश्मीर में नेकां-कांग्रेस और भाजपा बहुमत का जादुई आंकड़ा छूने का दावा कर रहे हैं। पीडीपी चुनाव के वक्त से ही इस स्टैंड पर कायम है कि प्रदेश में कोई भी पार्टी बहुमत में नहीं आ रही है और सरकार बनाने में उनकी किंगमेकर की भूमिका होगी।

आम लोगों में भी बहुमत की सरकार को लेकर असमंजस की स्थति है। इसका असर शेयर बाजार में सूचीबद्ध प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी बैंक पर भी देखने को मिल रहा है। 1 अक्टूबर 1938 को जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह द्वारा स्थापित जेके बैंक चुनाव की घोषणा होने से लेकर अब तक शेयर बाजार में कमजोरी दिखा रहा है।

चुनाव से पूर्व 114 रुपये के भाव पर चल रहा जम्मू-कश्मीर बैंक का शेयर अब 100 रुपये तक आ गया है। सत्ता के साथ बैंक का सीधा नाता है। पूर्व की सरकारों में बैंक में तीन बड़े घोटाले हो चुके हैं। 370 हटने के बाद एलजी प्रशासन ने बैंक के घोटालों को सामने लाया था। बैंक से कई बड़े अधिकारियों को भी बाहर किया गया था।

जम्मू-कश्मीर में चार कंपनियां ही शेयर बाजार में सूचिबद्ध हैं। जेके बैंक, सर्वेश्वर राइस और एसआर इंफ्रा जैसी कंपनियां लार्ज कैप नहीं हैं। दूसरा यहां की कंपनियों में राजनीति का न तो सीधा दखल है और न तो किसी राजनेता की कोई कंपनी है।

चूंकि इन कंपनियों के हेड आफिस यहां हैं तो इस लिहाज से आंशिक असर हो सकता है लेकिन उसकी उम्मीद भी न के बराबर है। सट्टा बाजार जरूर अपने भाव देता है लेकिन इसकी स्टीकता का अनुमान लगाना मुश्किल रहता है। -ऋषि गुप्ता, बाजार विशेषज्ञ, जम्मू

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