CG : कचरे में पूर्व CM-मंत्री की फोटो; सरकारी गोदाम में ही सड़ गई सुपोषण अभियान की चिक्की….
दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां जिले से महिला बाल विकास विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए दी जाने वाली मूंगफली चिक्की सरकारी गोदाम में ही सड़ गई। इसको विभाग के द्वारा बांटा ही नहीं गया। इतना ही नहीं पूर्व सीएम भूपेश बघेल और पूर्व मंत्री की फोटो भी कचरे के ढेर में पड़ी हुई है। इस मामले में संबंधित विभाग के जिम्मेदारों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
गोदाम में ही सड़ गई मूंगफली की चिक्की : छत्तीसगढ़ में सुपोषण अभियान के तहत मूंगफली चिक्की बच्चों को दी जाती है। दंतेवाड़ा जिले में महिला बाल विकास विभाग के गोदाम में यह चिक्की सड़ गई। बच्चों के लिए भेजी गई मूंगफली चिक्की विभाग के सरकारी गोदाम में ही सड़ा दिया गया। सरकार की सुपोषण अभियान के तहत चिक्की बांटी जाती है। मूंगफली चिक्की तीन से छह साल तक के बच्चों को वितरित की जाती है। इससे कुपोषण वाले बच्चों को पोषण मिलता है।
5.85 रुपए में मिलती हे चिक्की : चिक्की के हर पैकेट की कीमत 5 रुपए 85 पैसे है, लेकिन दंतेवाड़ा (CG Suposhan Abhiyan) जिले के कुआकोंडा ब्लॉक (Kuakonda Block) में महिला बाल विकास विभाग के द्वारा अनदेखी की गई। विभाग की लापरवाही (CG Dantewada Suposhan Abhiyan Scam) का नतीजा सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना सुपोषण अभियान योजना का लाभ नौनिहालों को नहीं मिला। उन्हें पोषण के लिए चिक्की नहीं पहुंचाई गई। जानकार बताते हैं कि ये मूंगफली की चिक्की 90 दिनों तक ही खाने योग्य रहती हे। इसके बाद एक्सपायर हो जाती है। इस ब्लॉक के गोदाम में बड़ी मात्रा में चिक्की सड़ गई है। इसके बाद बड़ी मात्रा में इन पैकेटों को जलाकर विभाग के द्वारा स्वाहा कर दिया गया।
पूर्व सीएम और मंत्री की तस्वीरें कचरे में पड़ी मिली : वहीं हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां सरकारी गोदाम के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और पूर्व महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया (Anila Bhediya) की सैकड़ों तस्वीरें कचरे के ढेर पर पड़ी मिली है। इन सब का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं कांग्रेस वर्तमान सरकार पर सवाल खड़े कर रही है। वहीं सुपोषण अभियान के तहत बांटी जाने वाली चिक्की के जलाने पर जांच की मांग की है और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की मांग सरकार से की है।
आंगनबाड़ी केंद्रों में नहीं बांटी चिक्की : इधर दंतेवाड़ा के कुआकोंडा ब्लॉक में 150 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इन आंगनबाड़ी में रोजाना सैकड़ों आदिवासी बच्चे पहुंचते हैं। जिन्हें सुपोषण योजना के तहत मूंगफली चिक्की देते हैं, ताकि वे कुपोषण का शिकार न हो और स्वस्थ रहें। लेकिन महिला बाल विकास विभाग की लापरवाही ऐसी कि इन केंद्रों तक चिक्की पहुंचाई नहीं जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों से जानकारी मिली है कि मार्च महीने से उन्हें चिक्की प्राप्त नहीं हुई है, इससे बच्चों को भी नहीं दी जा रही है। बताया जा रहा है कि मार्च महीने में आई चिक्की अक्टूबर तक आंगनबाड़ी केंद्रों में नहीं बांटी गई है। इसके चलते ये हजारों चिक्कियां गोदाम में ही सड़ गईं।
गोदाम में बिखरा सामान, अफसरों का ध्यान नहीं : वहीं महिला बाल विकास विभाग के इस गोदाम के अंदर का हाल बहुत बुरा है। जहां गर्भवती और शिशुवती माताओं को देने वाला रेडी टू ईट फूड और खेलने की सामग्री बेतरतीब तरीके से पड़ी हुई थी। गोदाम में खाने का सामान बिखरा हुआ था। इस मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी वरुण नागेश का कहना है कि इस मामले की जांच की जाएगी। बच्चों को चिक्की का वितरण क्यों नहीं किया गया।