November 26, 2024

‘गुरु घंटाल’ निकले टीचर! : डॉक्यूमेंट दिखाने में आनाकानी करे 42 हजार, फर्जी कागजात के चक्कर में गई 4000 की नौकरी

पटना। बिहार में शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है, जहां शुरुआती जांच में 4,000 शिक्षकों के फर्जी दस्तावेज मिले हैं। शिक्षा विभाग की जांच में 24,000 शिक्षकों पर शक है, जिनकी नौकरी जा सकती है। मगर, राडार पर कुल 42,000 मास्टर साहब हैं। मामला सीटीईटी परीक्षा में कम अंक प्राप्त शिक्षकों से जुड़ा है। इनमें से अधिकांश शिक्षकों ने सीटीईटी परीक्षा में न्यूनतम आवश्यक अंकों को हासिल नहीं किया है। शिक्षा विभाग मामले की पूरी जांच कर रहा है और दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करेगा।

बिहार में शिक्षक भर्ती घोटाला?
बिहार में शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आया है। जांच में 4000 शिक्षक फर्जी पाए गए हैं। इन शिक्षकों ने फर्जी प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल किया है और CTET में कम अंक होने के बावजूद नौकरी हासिल की है। सरकार ने दोषी शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है। 24 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नौकरी खतरे में है।

बिहार में शिक्षक बनने के लिए CTET पास करना जरूरी है। CTET में 60% से कम अंक वालों को शिक्षक बनने के लिए योग्य नहीं माना जाता है। लेकिन बिहार में 4000 से ज्यादा शिक्षक ऐसे पाए गए हैं जिनके CTET में 60% से भी कम अंक हैं। इनमें से कई शिक्षकों के तो CTET में 50% से भी कम अंक हैं।

शिक्षक भर्ती में धांधली का मामला सिर्फ CTET के अंकों तक ही सीमित नहीं है। जांच में यह भी सामने आया है कि कई शिक्षकों ने नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और दिव्यांगता प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल किया है। कुछ शिक्षकों ने तो खेल कोटे के तहत भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल कर ली है।

राडार पर बिहार के 42 हजार टीचर
शिक्षक भर्ती घोटाले में 24 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। इन शिक्षकों के एक से अधिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। इन सभी शिक्षकों की दोबारा जांच की जाएगी। यदि इस जांच में भी उनके प्रमाणपत्रों के बारे में कोई सही जानकारी नहीं मिलती है, तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। विपक्षी दलों ने इस मामले में सरकार पर निशाना साधा है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि दोषी शिक्षकों को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम शिक्षा व्यवस्था को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सक्षमता परीक्षा पास अभ्यर्थियों की काउंसलिंग के दौरान भी बड़े पैमाने पर धांधली पाई गई है। पहले चरण की काउंसलिंग में ही 96 शिक्षकों की मार्कशीट फर्जी पाई गई, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।

काउंसलिंग में पकड़े गए फर्जी शिक्षक

1 अगस्त से 13 सितंबर तक हुई काउंसलिंग में 1.87 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। इस दौरान 42 हजार शिक्षकों की काउंसलिंग नहीं हो पाई और 3 हजार से अधिक शिक्षक अनुपस्थित रहे। इसके अलावा, 42 हजार में से 10 हजार से अधिक शिक्षकों का बॉयोमेट्रिक सत्यापन भी नहीं हो सका। जिन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग नहीं हो पाई है, उन्हें छठ के पर्व के बाद फिर से काउंसलिंग का मौका दिया जाएगा।

सीतामढ़ी जिले में चल रही शिक्षकों की नियुक्ति जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिले में नियोजित 7 शिक्षक फर्जी पाए गए हैं। इन शिक्षकों के खिलाफ जालसाजी, साक्ष्य छिपाने और अन्य गंभीर धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। जानकारी के अनुसार, इन शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता संबंधी दस्तावेजों में गंभीर खामियां मिलीं, जिन पर संदेह होने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उन्हें असली दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया था। लेकिन बार-बार नोटिस देने के बावजूद भी शिक्षक इन दस्तावेजों को जमा करने में असफल रहे।

शिक्षा विभाग द्वारा कराई गई गहन जांच में पाया गया कि इनमें से अधिकांश शिक्षकों की मार्कशीट, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र फर्जी थे। इतना ही नहीं, कुछ शिक्षकों के सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने के दावे भी संदिग्ध पाए गए।

यूनिवर्सिटी से कराया जा रहा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन
सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले हजारों शिक्षकों की काउंसिलिंग के दौरान भी कई शिक्षकों के दस्तावेजों में गड़बड़ी मिली है। ऐसे में शिक्षा विभाग संबंधित विश्वविद्यालयों से इन शिक्षकों की शैक्षणिक रिकॉर्ड की जांच करवा रहा है। साथ ही, इन शिक्षकों द्वारा दिए गए अनुभव प्रमाण पत्रों की भी सत्यता की जांच की जा रही है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह ने बताया कि राज्य में 40 हजार से अधिक शिक्षकों की काउंसलिंग अभी बाकी है। नवंबर में इन शिक्षकों की काउंसलिंग की संभावना है। उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षकों के स्थानांतरण के समय उनकी सभी शैक्षणिक योग्यता संबंधी दस्तावेजों, फोटो, निवास और जाति प्रमाण पत्रों का बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन आधारित आधार कार्ड से मिलान किया जाएगा। साथ ही, उनके थंब इम्प्रेशन की भी जांच की जाएगी। सभी रिकॉर्ड सर्विस बुक में दर्ज किए जाएंगे और डिजिटल सर्विस बुक बनाकर ऑनलाइन कर दिए जाएंगे।

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