CG : सबसे बड़े खैराती अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम बंद, 6 महीने पहले मेंटेनेंस ठेका खत्म, 12 सौ मरीजों की जान से खिलवाड़
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े खैराती अस्पताल में शॉर्टसर्किट से आग लग गई थी। रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में आगजनी की घटना के बाद मौके पर पहुंची तीन फायर ब्रिगेड से आग पर काबू पाया गया। इस घटना के बाद जब सूबे के सबसे बड़े अस्पताल में सुरक्षा के इंतजाम को देखा गया पता चला कि यहां फायर फाइटिंग सिस्टम पिछले छह माह से बंद है। जबकि फायर सिस्टम अस्पताल में लगा हुआ है। अस्पताल में सभी वार्डों में पाइप लाइन बिछाई गई है, लेकिन इनका मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है।
जानकारी मिली है कि अस्पताल में लगे फायर फाइटिंग सिस्टम का मेंटेनेंस का ठेका प्रबंधन के द्वारा किया गया था। इसका मेंटेनेंस देखने वाली कंपनी का ठेका छह महीने पहले ही खत्म हो गया है। इसके चलते तभी से फायर फाइटिंग सिस्टम का मेंटेनेंस नहीं हो पाया है। यह तभी से बंद पड़ा हुआ है, अस्पताल प्रबंधन के द्वारा नया ठेका देने की प्रोसेस की जा रही है।
अंबेडकर अस्पताल में फायर फाइटिंग सुरक्षा (CG Ambedkar Hospital Fire Case) को लेकर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा नए ठेके की मंजूरी के लिए फाइल भेजी है। यह फाइल चिकित्सा शिक्षा संचालनालय में रुकी हुई है। यहां से अभी इस फाइल को हरी झंडी नहीं मिली है। ऐसे में अंबेडकर अस्पताल में हर दिन औसतन हर दिन 12 सौ मरीज भर्ती रहते हैं। जहां सुरक्षा के इंतजाम पर्याप्त नहीं होने से उनकी जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। यह पूरा मामला जब खुला तब हॉस्पिटल के न्यू ट्रामा ओटी में आगजनी की घटना हुई।
अस्पताल में आगजनी की घटना (CG Ambedkar Hospital Fire Case) के दौरान पूरा स्टाफ रेस्क्यू के काम में लगा रहा। जब स्टॉफ ने फायर फाइटिंग सिस्टम की मदद चाही तो देखा ही यह बंद पड़ा है। जबकि दूसरी ओर आस के साथ फायर एस्टिविशर चलाने के लिए उठाया तो पता चला ये एक्सपायर हो गए हैं। कर्मचारियों ने जब इन्हें चलाने का प्रयास किया तो ये चले ही नहीं। ये सभी एक महीने पहले ही एक्सपायर हो चुके हैं। अस्पताल में करीब 32 एस्टिविशर हैं। इनका मेंटेनेंस भी नहीं हुआ। इससे इसकी जानकारी भी किसी को नहीं कि ये बंद है या चालू।
ओटी से बाहर जा चुका था पूरा स्टाफ : ऑपरेशन थियेटर में जिस समय आगजनी की घटना हुई, उस समय वहां से डॉक्टर (CG Ambedkar Hospital Fire Case) व नर्सिंग स्टाफ जा चुका था। ओटी भी बंद हो गया था। बंद ओटी में दो एयर प्यूरीफायर रखे हुए थे। जिनमें से एक एयर प्यूरीफायर में शॉर्टसर्किट हुआ, इसके बाद वहीं एसी में शॉर्टसर्किट सर्किट हो गया। इससे आग आग लग गई। इसके बाद धुआं देखकर वार्ड ब्वॉय व स्टाफ पहुंचा। इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को दी। धुआं अधिक होने के कारण कोई भी ओटी में घुस नहीं सका। तभी उसके सामने दूसरे ओटी में सर्जरी वाले डॉक्टर फंस गए थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने मांगी रिपोर्ट : स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मेडिकल कॉलेज (CG Ambedkar Hospital Fire Case) डीन और अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है। जांच रिपोर्ट के बाद सरकार के द्वारा अगला एक्शन लिया जाएगा। अस्पताल प्रबंधन के द्वारा विद्युत विभाग को भी पत्र लिखकर ओटी में इलेक्ट्रिसिटी ऑडिट करने का आग्रह किया है। वहीं पीडब्ल्यूडी विभाग आग की घटना के बारे में पता करेगा। इस पूरे मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने बताया कि फायर फाइटिंग सिस्टम का ऑडिट कराया जा रहा है।