November 25, 2024

CG : एक के बाद एक हर जिले में सरकारी डाक्टर दे रहे हैं इस्तीफा, जानें क्यों हैं परेशान?

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस को लेकर जारी आदेश के बीच डॉक्टर्स के इस्तीफों का दौर लगातार जारी है. दुर्ग,राजनांदगांव के बाद अब रायगढ़ में डाक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. डॉक्टरों के एकाएक इस्तीफे से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के आदेश को लेकर भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. लगातार हो रहे इस्तीफों ने सरकार को बैकफुट पर ला दिया हैं। हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता कहते हैं, राज्य सरकार का आदेश अव्यवहारिक है. इससे डॉक्टर्स को प्रैक्टिस में परेशानी होगी. डॉक्टर्स अगर इस्तीफा देने लगे तो अस्पताल ही खाली हो जाएंगे.

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने डॉक्टर्स के निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस को बैन कर दिया है. हालांकि उन्हें घर में प्रैक्टिस की छूट दी गई है,लेकिन डॉक्टर्स निजी अस्पतालों में सेवाएं देने पर रोक लगने से नाराज हैं.यही वजह है कि पहले दुर्ग मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने इस्तीफा दिया.अब राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज के 20 डॉक्टरों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है.वही रायगढ़ में भी डॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया है.दरअसल इसकी वजह राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग का निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस नहीं करने का आदेश है. राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों से ऐसे सरकारी डॉक्टरों की सूची तलब की है, जो वहां सेवाएं दे रहे हैं. यही वजह है कि फैसले से नाराज सरकारी डॉक्टर अब इस्तीफा देने पर अड़ गए हैं.

डॉक्टरों को हो रही ये समस्याएं
डॉक्टरों को आदेश से कई समस्या है, डॉक्टरों का तर्क है कि वे सर्जरी और पेशेंट को भर्ती घर पर नहीं कर सकते है. सरकारी अस्पतालों में पूरा समय देने के बाद प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे एनेस्थेसिया, पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी, कॉर्डियोलॉजी से जुड़े डॉक्टर कैसे घर से प्रैक्टिस करेंगे. स्त्री रोग विशेषज्ञ भी घरों में डिलीवरी नहीं करा सकतीं, निजी अस्पतालों में जाना ही होगा. कोई भी स्पेशलिस्ट भी घर से इलाज नहीं कर सकता, इसलिए अस्पताल में भर्ती जरूरी है.

डॉक्टर्स के इस्तीफों ने बढ़ाई प्रशासन की चिंता
डॉक्टरों से इस्तीफे से प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में हड़कंप के हालात हैं. मरीजों के उपचार प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है. वहीं इस आदेश के खिलाफ कई और मेडिकल कॉलेजों में भी डॉक्टर्स के इस्तीफों की आशंका जताई जा रही है. इसी को लेकर भारतीय जनता पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर विमल चोपड़ा ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मुलाकात भी की है. हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता कहते हैं, राज्य सरकार का आदेश अव्यवहारिक है. इससे डॉक्टर्स को प्रैक्टिस में परेशानी होगी. डॉक्टर्स अगर इस्तीफा देने लगे तो अस्पताल ही खाली हो जाएंगे.

छत्तीसगढ़ में पहले ही कई शासकीय अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है.ऐसे में कई मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टर्स के इस्तीफों ने सबकी चिंता बढ़ा दी है. जरूरी है कि मरीजों के स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रखते इस संबंध में जल्द निर्णय लिया जाए. ताकि मरीजों के उपचार में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो.

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