November 14, 2024

CG : साधु और भालू के बीच अनोखी मित्रता, जानिए राजा माड़ा की ऐतिहासिक और धार्मिक गाथा

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर। छत्तीसगढ़ के भरतपुर में अब एक साधु सीताराम और भालुओं के बीच अनोखी दोस्ती की चर्चा दूर दूर तक है. साधु सीताराम साल 2013 में मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से भरतपुर पहुंचे. यहां उनकी दोस्ती एक भालू से हो गई. साधु सीताराम के मुताबिक, भालू का नाम उन्होंने “राम” रखा. धीरे धीरे भालू का परिवार बढ़ता गया. आज इस परिवार में 7 भालू हैं. भालुओं का ये परिवार हर रोज साधु सीताराम के पास आता है. साधु भी भालुओं को खाना खिलाकर और दुलार कर वापस भेजते हैं।

साधु सीताराम ने भालुओं का किया नामकरण: साधु ने भालुओं के परिवार के सदस्यों का हिंदू रीति-रिवाज से नामकरण किया है. जिसमें उन्हें लल्ली, मुन्नू, चुन्नू, गल्लू, सोनू, मोनू, और सत्तानंद नाम दिए गए हैं. साधू सीताराम बताते हैं कि भालू कुटिया में आने वाले भक्तों को कोई हानि नहीं पहुंचाते.

जामवंत यहां आते हैं, खाना खाते हैं ,पानी पीते हैं और फिर चले जाते हैं-गेंद लाल, सेवादार

राजा माड़ा की गुफा: सभी भालू एक गुफा में रहते हैं. इस गुफा का नाम राजा माड़ा है. इस गुफा की लंबाई 200 मीटर है. ग्रामीणों का कहना है कि इस गुफा में चार कमरे हैं. यह गुफा कभी भरतपुर के राजा का विश्राम स्थल हुआ करती थी. युद्ध के दौरान या कभी सुरक्षित स्थान के रूप में इस गुफा का उपयोग राजा करते थे. अब इसी गुफा में ये भालू भी रहते हैं.

राजा ने अपने रहने के लिए ये गुफा बनाई थी. उस समय राजा रैन बसैरा यहीं करते थे. गुफा 200 मीटर लंबी है. गुफा के अंदर हथियार भी है : गणेश तिवारी, ग्रामीण

भालुओं के साथ बाबा का अनोखा प्रेम: भरतपुर में साधु सीताराम की भालुओं से मित्रता लोगों को आश्चर्यचकित भी करती है. यह धार्मिक आस्था का प्रतीक भी बन चुकी है. साधु बताते हैं कि उनका दुनिया में कोई नहीं है. परिवार में कोई नहीं है. जंगल में उन्होंने जीवन बिताया, जिससे अब भालुओं से उनकी दोस्ती हो गई और अब उनका यही परिवार है.

भालुओं को देखने शहडोल, सीधी और आसपास के लोग आते हैं. राजामाड़ा के साधु की काफी लोकप्रियता है: संतोष कुमार यादव, ग्रामीण

साधु और भालुओं की दोस्ती देखने दूर दूर से आते हैं लोग: यहां के लोगों के अनुसार राजामाड़ा के साथ ही भालू और साधु की मित्रता ने लोगों के बीच एक नई आस्था को जन्म दिया है. छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश सहित दूर दूर से लोग इस अद्भुत मित्रता को देखने आते हैं.

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