November 14, 2024

शादी के कार्ड पर दुल्हा-दुल्हन की उम्र जरूरी, कैटरर्स, पंडित, बैंड-टेंट और होटल वाले… सब हो जाएं सावधान

सागर। मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार ने बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए एक नया अभियान शुरू किया है, जिसका नाम है ‘लाडो अभियान’। इस अभियान के तहत शादी के कार्ड पर वर-वधू की कानूनी उम्र का जिक्र करना अनिवार्य होगा। इतना ही नहीं, कैटरर्स, पंडित, बैंड वाले, टेंट वाले और होटल वालों को भी वर-वधू का आयु प्रमाण पत्र दिखाना होगा।

बाल विवाह के बढ़ते मामलों पर लगेगी लगाम
एमपी में बढ़ते बाल विवाह के मामलों को देखते हुए मोहन यादव सरकार ने यह कड़ा कदम उठाया है। इसके तहत अब शादी के कार्ड पर साफ-साफ लिखा होना चाहिए कि वर और वधू दोनों ही शादी की कानूनी उम्र के हैं। इसके अलावा, शादी से जुड़ी सभी सेवाएं देने वालों, जैसे कि कैटरर्स, पंडित, बैंड वाले, टेंट वाले और होटल वालों को भी वर-वधू का आयु प्रमाण पत्र देखना होगा। तभी वह अपनी सेवाएं दे पाएंगे।

हर जिले में बनेगी टास्क फोर्स
इस अभियान को सफल बनाने के लिए एमपी के हर जिले में एक टास्क फोर्स बनाई जा रही है। इस टास्क फोर्स में अलग-अलग विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। इन अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में 18 साल से कम उम्र की लड़कियों और 21 साल से कम उम्र के लड़कों की पहचान करें और उनकी निगरानी करें ताकि उनका बाल विवाह न हो सके।

सागर में हुई शुरूआत
सागर जिले में जिला प्रशासन ने इस अभियान की शुरुआत कर दी है। यहां अलग-अलग विभागों के अधिकारियों को शामिल करके एक टास्क फोर्स बनाई गई है। यह टास्क फ़ोर्स अपने-अपने इलाकों में जाकर 18 साल से कम उम्र की लड़कियों और 21 साल से कम उम्र के लड़कों की जानकारी इकट्ठा करेगी। इसके बाद इन बच्चों पर नजर रखी जाएगी ताकि इनकी शादी ना हो सके।

ग्रामीण इलाकों पर फोकस
इसके अलावा, अनुविभागीय अधिकारी के नेतृत्व में टीमें बनाई जाएंगी जो यह सुनिश्चित करेंगी कि जिन बच्चों की पहचान की गई है उनका बाल विवाह तो नहीं हो रहा है। खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में इस बात का खास ध्यान रखा जाएगा।

क्या है लाड़ो अभियान
‘लाडो अभियान’ के तहत, अनुविभागीय अधिकारियों के नेतृत्व में ब्लॉक और तहसील स्तर पर उड़नदस्ते बनाए जाएंगे। इन उड़नदस्तों का काम होगा शादियों में सेवाएं देने वालों, जैसे कि कैटरर्स, बैंड वालों, टेंट वालों को जागरूक करना। इसके लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा और उन्हें बाल विवाह में अपनी सेवाएं न देने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

जिला प्रशासन ने दी जानकारी
जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सामूहिक विवाह के समय अधिकारी वर-वधू के जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल के प्रमाण पत्र और आंगनबाड़ी केंद्र के रिकॉर्ड की जांच करेंगे। अगर ये दस्तावेज़ नहीं मिलते हैं तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल प्रमाण पत्र को मान्य किया जाएगा।

सामूहिक विवाह पर भी लागू है नियम
इसके अलावा, सामूहिक विवाह करवाने वालों से यह शपथ पत्र भी लिया जाएगा कि वह अपने आयोजनों में बाल विवाह नहीं होने देंगे। प्रिंटिंग प्रेस, हलवाई, कैटरर, पंडित, बैंड वाले, और समाज के मुखिया से भी अनुरोध किया जाएगा कि वह वर-वधू का आयु प्रमाण पत्र देखने के बाद ही अपनी सेवाएं दें।

शादी के कार्ड पर साफ-साफ लिखी जाए उम्र
साथ ही, यह भी निर्देश दिया जाएगा कि शादी के कार्ड पर यह बात साफ-साफ लिखी हो कि वर और वधू कानूनी तौर पर शादी करने की उम्र के हैं। इसके लिए जिले के सभी प्रिंटिंग प्रेस को निर्देशित किया जाएगा।

सरकार ने एक्टिव किए सभी विभाग
बाल विवाह को रोकने के लिए सरकार ने सभी विभागों को ‘लाडो अभियान’ के तहत एक्टिव कर दिया है। इस मुहिम को और मजबूत बनाने के लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा जहां लोग बाल विवाह की सूचना दे सकेंगे। यह कंट्रोल रूम जिला मुख्यालय पर होगा। इसके अलावा, हर प्रखंड में भी कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे।

हेल्पलाइन नंबर भी होंगे जारी
इसके साथ ही, पुलिस थाना, चाइल्डलाइन, कलेक्टर, अनुविभागीय कार्यालय, जिला/परियोजना कार्यालय (आईसीडीएस) और अन्य विभागों के अधिकारियों के फ़ोन नंबर भी जारी किए जाएंगे ताकि लोग आसानी से शिकायत दर्ज करा सकें।

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