CG : राजधानी की हवा में ‘जहर’, खौफ में इंसान मौन बैठा प्रशासन, AQI का स्तर शरीर के लिए घातक !
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रदूषण का जहर फैलता जा रहा है, जिसका असर आम इंसानों की जिंदगी पर पड़ रहा है. लोगों को त्वचा संबंधी बीमारियां हो रही है. पूरे शहर में प्रदूषण संबंधी डाटा के लिए सेंसर और इंडेक्स मशीन तो लगा दी गई है, लेकिन प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए कोई खास योजना नहीं है. रायपुर शहर के औद्योगिक क्षेत्र उरला, सिलतरा में तमाम फैक्ट्रियां संचालित होती हैं. फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण को लेकर लापरवाही बढ़ती जा रही है. कारखानों में लगी चिमनी से निकालने वाले धुआं से आसपास के क्षेत्र के आलावा आम आदमी भी बीमार पड़ रहा है. आसपास के रहवासियों का कहना है कि प्रदूषण कंट्रोल के लिए कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. साथ ही चिमनियों की ऊंचाई भी कम है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तरह ही छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की भी हवा खराब हो रही है. रायपुर में प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है. रायपुर का (AQI) 200 को छूने लगा है. शहर की आउटर खासकर औद्योगिक क्षेत्र में हवा प्रदूषित होने के चलते लोगों को सास लेने में दिक्कत हो रही है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो खराब श्रेणी में AQI का पहुंचना हमारे सेहत को प्रभावित कर रहा है. आइए जानते हैं एयर पॉल्यूशन की वजह से किन-किन बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है.
दरअसल, राजधानी रायपुर की हवा लगातार प्रदुषित होती जा रही है. शहर का औसत (AQI) 180 है. जो मॉडरेट श्रेणी में आता है. प्रशासन के अनुसार इसका मुख्य कारण कूड़ा-कचरा और औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाली धुंए के साथ साथ पुराने वाहन का चलना माना जा रहा है. प्रदूषित हवा से शहर के लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है और इसके साथ ही कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो 300 से अधिक AQI हमारे सेहत के लिए अत्यधिक हानिकारक होता है. संतोषजनक बात ये हैं की अभी रायपुर का (AQI) 200 के आसपास हैं यह भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
इंसानों की सेहत बिगाड़ रही खराब AQI
खराब श्रेणी में AQI पहुंचने से हवा प्रदूषित हो गई है. जहरीली हवा में मौजूद छोटे कण (PM 2.5) ब्लड में प्रवेश कर सकते हैं. इससे इससे दिल की धड़कन और बीपी का लेवल प्रभावित होता है. जो हार्ट अटैक, स्ट्रोक और दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है.
मानसिक समस्याएं
प्रदूषित हवा का असर हमारे मानसिक सेहत पर भी नकारात्मक पड़ रहा है. जहरीली हवा से मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे स्ट्रेस और चिंता जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. खराब श्रेणी में पहुंचे AQI से गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के प्रभावित होने का खतरा सबसे अधिक है. प्रदूषित हवा के चलते शारीरिक विकास और मेंटल कैपेसिटी प्रभावित हो रही है. वहीं, गर्भवती महिलाओं में हाई बीपी और जन्मजात विकारों का खतरा बढ़ सकता है.
खुद को रखें सुरक्षित
प्रदूषित हवा में आपको अपनी सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है. खासकर वे लोग जो पहले से सांस या दिल संबंधित बिमारियों से जूझ रहे हैं. ये लोग अगर बहुत जरुरी ना हो तो घर से बाहर ना निकलें. अगर निकलें तो चश्मा पहनकर निकलें. साथ ही भरपूर मात्रा में पानी पिएं. इसके अलावा साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें. अधिक से अधिक मौसमी फल-सब्जियों का सेवन करें.
शहर के औद्योगिक क्षेत्र और उरला में हाल बदहाल
रायपुर शहर के औद्योगिक क्षेत्र उरला, सिलतरा में तमाम फैक्ट्रियां संचालित होती हैं. फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण को लेकर लापरवाही बढ़ती जा रही है. कारखानों में लगी चिमनी से निकालने वाले धुआं से आसपास के क्षेत्र के आलावा आम आदमी भी बीमार पड़ रहा है. आसपास के रहवासियों का कहना है कि प्रदूषण कंट्रोल के लिए कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. साथ ही चिमनियों की ऊंचाई भी कम है.
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने एयर क्वालिटी मापने के लिए तो यंत्र लगाए गए हैं. उसे लगातार वेबसाइट के जरिए प्रदर्शित भी किया जा रहा है, लेकिन प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए कोई नया प्लान नहीं दिख रहा है. इंडस्ट्रियल एरिया और अन्य चीजों से लगातार वायु प्रदूषण हो रहा है, लेकिन रोकथाम के लिए कोई सार्थक पहल नजर नहीं आ रही है.