CG : कोरबा में सीबीआई की रेड, मजदूर नेता के घर चल रही जांच, मुआवजा वितरण में घोटाले का आरोप
कोरबा। दीपका और हरदीबाजार में सीबीआई की टीम ने रेड किया है. दोनों जगहों पर केंद्रीय जांच ब्यूरों के अधिकारी छापे की कार्रवाई में जुटे हैं. बताया जा रहा है कि एसईसीएल के दीपका कोयला खदान में पूर्व में जमीन का अधिग्रहण किया गया. जमीन अधिग्रहण को लेकर बाद में कुछ गड़बड़ी की शिकायत मिली. जमीन अधिग्रहण में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद सीबीआई की टीम ने ये कार्रवाई की है. कहा जा रहा है कि पूरा मामला मुआवजा वितरण में हुई गड़बड़ी से जुड़ा है.
सीबीआई की रेड: सोमवार को सुबह के वक्त सीबीआई की टीम ने श्यामू जायसवाल और राजेश जायसवाल के घर और दफ्तर पर छापा मारा. श्यामू जायसवाल कांग्रेस के मजदूर संगठन इंटक के जिला अध्यक्ष हैं. सीबीआई की टीम ने जब रेड किया तो परिवार वालों के मोबाइल फोन अपने पास रख लिए. छापे की कार्रवाई में अभी क्या कुछ मिला है इसका पता नहीं चल पाया है.
मुआवजा राशि में गड़बड़ी की शिकायत: दीपका कोयला खदान के विस्तार के लिए पूर्व में मलगांव में जमीन को अधिग्रहित किया गया. इसमें प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि भी दी गई. मुआवजा राशि में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद ये कार्रवाई की गई है, ऐसी बात सामने आई है. सूत्र बताते हैं कि जांच के दायरे में जमीन अधिग्रहण से जुड़े एसईसीएल के रेवेन्यू डिपार्टमेंट और राज्य शासन के कटघोरा तहसील के राजस्व अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं.
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड: सीबीआई टीम की जांच पड़ताल एसईसीएल दीपका क्षेत्र में चल रही है. सीबीआई की टीम ने सुबह छह बजे ही दीपिका और हरदीबाजार में राजेश जायसवाल और श्यामू जायलवाल के ठिकानों पर दबिश दी. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोनों जगहों पर छापे की कार्रवाई जारी है. शिकायत के मुताबिक जमीन अधिग्रहण में प्रभावित हुए परिवारों को सही मुआवजा नहीं मिला. वहीं कुछ अपात्र लोगों को गलत तरीके से इसका लाभ भी पहुंचाया गया. अपात्र लोगों को मोटी रकम दी गई. हालाकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जांच टीम या फिर शिकायतकर्ताओं की ओर से सामने नहीं आई है. कार्रवाई के दौरान कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं.
छापे की कार्रवाई के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म: दीपका और हरदीबाजार में छापे की खबर फैलने के बाद चर्चाओं का बाजार भी गर्म है. इंटक के जिला अध्यक्ष श्यामू जायसवाल के बारे में कहा जा रहा है कि वो लंबे वक्त से जमीन अधिग्रहण के मामलों से जुड़े रहे हैं. मुआवजा दिलाने और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा कराने में उनकी अहम भूमिका रही है. अब जांच पूरी होने के बाद ही पूरे मामले से पर्दा उठ पाएगा.