छत्तीसगढ़ में बिजली सखी योजना की कामयाबी, इस जिले की महिलाओं को हो रही कमाई
रायपुर/जशपुर। छत्तीसगढ़ में बिजली के क्षेत्र में एक विशेष योजना की शुरुआत विष्णुदेव साय सरकार ने की है. अब उसका असर देखने को मिल रहा है. इस योजना का नाम बिजली सखी योजना है. इसे सबसे पहले आदिवासी बहुल जशपुर जिले से शुरू किया गया. महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई. जशपुर जिले की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के मकसद से इस योजना को शुरू किया गया. जिसका असर जशपुर में दिख रहा है.
मीटर रीडिंग में मिलेगी मदद: बिजली सखी योजना के जरिए जशपुर के दूर दराज के गांवों में महिलाएं बिजली सखी बनकर जाती हैं और मीटर रीडिंग का काम करती हैं. इससे बिजली विभाग को भी मदद मिल रही है. इस योजना के तहत, महिलाएं उन गांवों में मीटर रीडिंग की जिम्मेदारी संभाल रही हैं, जहां बिजली विभाग की पहुंच नहीं है.
बिजली सखी की भागीदारी ने बिजली विभाग के काम को आसान बना दिया है. इसके साथ ही आदिवासी क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनने का अवसर सुनिश्चित किया है. इस स्कीम के जरिए महिलाएं 4000 से 6000 रुपये प्रति महीने कमाने में सफल हो रही हैं. इस योजना ने बिजली सखी के लिए लखपति दीदी बनने के मार्ग को प्रशस्त किया है. इस योजना के तहत महिलाएं काम कर रही हैं. जशपुर में भी यह योजना शुरू की गई है: जशपुर जिला प्रशासन
कलेक्टर के निर्देश के मुताबिक जशपुर के 21 ग्राम पंचायतों में बिजली सखी योजना लागू की गई है. प्रत्येक मीटर रीडिंग के लिए बिजली विभाग बिजली सखी को 12 रुपये का पेमेंट करती है. इस योजना के जरिए महिलाएं हर महीने 4000-6000 रुपये कमा रही हैं. इससे प्रत्येक महिला को सालाना 50,000 से 60,000 रुपये की एक्स्ट्रा इनकम हो रही है, जिससे उनकी सालाना आय 1 लाख रुपये से अधिक भी हो रही है.: तरुण सिंह, नोडल अधिकारी, बिजली सखी योजना
अक्टूबर में बिजली सखी योजना का प्लान बना: जशपुर जिला प्रशासन के मुताबिक इस साल अक्टूबर में इस योजना को लेकर प्लान बना. हमने अक्टूबर महीने में ऐसे ग्राम पंचायतों की पहचान की जहां मीटर रीडिंग का काम नहीं होता था. यह संख्या शून्य थी. इस पर हमने बिजली कंपनियों से बात की. उसके बाद जिला प्रशासन ने साक्षर और सक्रिय स्व-सहायता समूहों से जुड़ी 21 महिलाओं का चुनाव किया. उन्हें मीटर रीडिंग की ट्रेनिंग दी गई. उसके बाद इन महिलाओं को बिजली सखी का नाम दिया गया. सीएम साय ने जशपुर के बगीचा विकासखंड से इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया था. जिसका असर दिख रहा है. इस योजना के तहत काम करने वाली महिलाओं ने पीएम मोदी और सीएम साय का आभार जताया है.