शरद पवार का बड़ा आरोप, बोले- चुनावी तंत्र को नियंत्रित करने के लिए सत्ता और धन का हुआ दुरुपयोग
पुणे। एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पूरे चुनावी तंत्र को नियंत्रित करने के लिए सत्ता और धन का दुरुपयोग हुआ, जो पहले कभी किसी विधानसभा या राष्ट्रीय चुनाव में नहीं देखा गया। शरद पवार ने डॉ. बाबा आढाव से मुलाकात के दौरान ये बयान दिया। बता दें कि आढाव हाल में हुए विधानसभा चुनाव में ईवीएम के दुरुपयोग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के पुणे स्थित निवास फुले वाडा में उन्होंने अपना तीन दिवसीय प्रदर्शन शुरू किया।
‘ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया’
शरद पवार ने कहा कि देश में हाल में चुनाव हुए हैं और लोगों में इन्हें लेकर बेचैनी है। उन्होंने कहा कि बाबा आढाव का आंदोलन इसी बेचैनी का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों में यह सुगबुगाहट है कि महाराष्ट्र में हाल में हुए चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग और बड़ी मात्रा में धन का इस्तेमाल हुआ जो पहले कभी नहीं देखा गया। स्थानीय स्तर के चुनावों में ऐसी बातें सुनने को मिलती हैं, लेकिन धन की मदद से पूरे चुनावी तंत्र पर कब्जा और सत्ता का दुरुपयोग पहले कभी नहीं देखा गया। बहरहाल, हमने महाराष्ट्र में ऐसा देखा और लोग अब बेचैन हैं।’’
‘नहीं सुनी जा रही विपक्ष की मांग’
शदर पवार ने आगे कहा, ‘‘मैंने सुना कि बाबा आढाव ने इस मुद्दे पर अगुवाई की है और वह फुले वाडा में आंदोलन कर रहे हैं। उनका विरोध लोगों में उम्मीद जगाता है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। संसदीय लोकतंत्र के नष्ट होने का खतरा मंडरा रहा है, इसलिए जन विद्रोह जरूरी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश में इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा के बावजूद विपक्ष संसद में जब भी इसे उठाने की कोशिश करता है, तो उसे बोलने नहीं दिया जाता। विपक्षी नेता छह दिन से इन मुद्दों पर बोलने का अवसर मांग रहे हैं, लेकिन उनकी मांगें एक बार भी स्वीकार नहीं की गईं। इससे पता चलता है कि वे संसदीय लोकतंत्र पर हमला करना चाहते हैं।’’
महायुति को मिला प्रचंड बहुमत
बता दें कि इससे पहले भी महा विकास आघाडी के सहयोगी दलों कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। बता दें कि इस चुनाव में महायुति को भारी जीत मिली। इसमें भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के महायुति गठबंधन ने 288 सीटों में से 230 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के महा विकास आघाडी ने सिर्फ 46 सीटें ही जीतीं।