पेट में बच्चा लिए घूम रही बाघिन, आखिरी बार ट्रैक पर दिखी… अब सर्च ऑपरेशन में रेलवे-वन अधिकारी
चिरमिरी। छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले के नगर निगम चिरमिरी क्षेत्र और आसपास के जंगलों में पिछले छह दिनों से मादा बाघ का विचरण जारी है. मादा बाघ के रेलवे ट्रैक के समीप देखे जाने से ट्रेन से कटने का खतरा मंडरा रहा है. वन विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रेलवे प्रशासन को पत्र लिखकर आवश्यक कदम उठाने की अपील की है. स्थानीय लोगों में चर्चा है कि यह मादा बाघिन गर्भवती हो सकती है और अपने शावकों को जन्म देने के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश में है.
सेफ जोन की तलाश में घूम रही मादा बाघिन
चिरमिरी वन परिक्षेत्र अधिकारी एसडी सिंह ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों को पत्र लिखकर मादा बाघिन की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की है. इसके बाद रेलवे प्रशासन ने रेलवे लाइन के आसपास निगरानी के लिए स्टाफ को तैनात कर दिया है. वन विभाग की कोरिया और मनेंद्रगढ़ टीम, रायपुर और सरगुजा से आई विशेषज्ञ टीम के साथ मिलकर बाघ की मूवमेंट पर लगातार नजर बनाए हुए है. 11 दिसंबर को चिरमिरी के वार्ड नंबर-01 मौहारीडांड़ इलाके में मादा बाघिन को देखा गया था. उसने एक गाय का शिकार किया था.
आखिरी बार मादा बागिन रेलवे ट्रैक पर दिखी
बता दें कि मौहारीडांड़ जंगल का क्षेत्र है, जहां घर दूर-दूर हैं. इस इलाके में मवेशियों का शिकार किए जाने के बाद स्थानीय लोग भयभीत हैं. वन विभाग की टीम ग्रामीणों को सतर्कता बरतने और जंगल की ओर न जाने की हिदायत दी है. मौहारीडांड़, लामीगोड़ा और साजापहाड़ में वन विभाग के अमले को तैनात किया गया है.
बाघिन की गर्भवती होने की संभावना
स्थानीय सूत्रों और सोशल मीडिया पर यह चर्चा है कि मादा बाघिन गर्भवती है और शावकों को जन्म देने के लिए उपयुक्त स्थान की तलाश कर रही है. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत
चिरमिरी वन परिक्षेत्र अधिकारी एसडी सिंह ने कहा कि मादा बाघिन की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. प्रभावित गांवों जैसे लामीगोड़ा, मौहारीडांड़ और 50 मील में ग्रामीणों को सतर्क रहने और सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं.