July 1, 2024

CG :बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़!, सरकारी स्कूल के गिरते दीवारों के बीच शुरू हुई नए सत्र की पढ़ाई

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ में नए शिक्षा सत्र की शुरुआत 26 जून को धूमधाम से हो गई, लेकिन बेमेतरा जिले के 195 स्कूलों के बच्चे को अपने जिंदगी दाव पर लगाकर खतरे से जूझना पड़ रहा है. दरअसल, इन स्कूलों के परिसर में पुराने जर्जर भवन आज भी खड़े हैं, जिसे शिक्षा विभाग की ओर से डिस्मेंटल कराने के आदेश अब तक नहीं मिले हैं. जिससे कभी भी गंभीर दुर्घटना घट सकती है. दरअसल, लंच के दौरान बच्चे इन भवनों के आसपास ही खेलते हुए नजर आते हैं। सूबे के बेमेतरा जिले में बेमेतरा, साजा, नवागढ़ व बेरला ब्लॉक आते हैं, जिसमें 195 स्कूल भवन तोड़ने लायक है. इसमें हायर सेकेंडरी के भी स्कूल शामिल हैं।

बेमेतरा ब्लॉक के 55 प्राथमिक स्कूल, 20 पूर्व माध्यमिक स्कूल और 1 हायर सेकेंडरी स्कूल जर्जर है. वहीं बेरला ब्लॉक के 40 प्राथमिक स्कूल, 13 पूर्व माध्यमिक और एक हायर सेकेंडरी स्कूल जर्जर स्थिति में है. साजा ब्लॉक के 4 प्राथमिक और 1 पूर्व माध्यमिक स्कूल की हालत खराब ह. नवागढ़ ब्लॉक से 40 प्राथमिक, 19 पूर्व माध्यमिक और एक हायर सेकेंडरी स्कूल जर्जर है।

हालांकि इसमें से 139 प्राथमिक और 53 पूर्व माध्यमिक और तीन हायर सेकेंडरी स्कूल अति जर्जर हो चुके हैं. यह कभी भी भरभरा कर गिर सकते हैं. इधर, स्कूली बच्चों के परिजनों ने कई बार राज्य शासन और जिला प्रशासन से भवन तोड़ने के लिए अनुरोध किया हैं, लेकिन जिला स्तर के अधिकारी इन स्कूलों की हालत तक जानने आज तक नहीं पहुंचे हैं।

बता दें की कुछ माह पूर्व ही नवागढ़ ब्लॉक में स्कूल के प्लास्टर गिरने से कई स्कूली बच्चे घायल हो गए थे, जिसके बाद तत्कालीन कांग्रेस की सरकार की ओर से स्कूल जतन योजना के माध्यम से स्कूल भवन के मरम्मत के नाम पर जिले को लगभग एक अरब रुपये की राशि जारी की गई थी, लेकिन मरम्मत कहाँ और कब हुई हैं यह ग्रामीण और स्कूल प्रबंधन तक को नहीं पता हैं। सूत्र बताते है कि अधिकारियों ने मिली भगत कर स्कूल मरम्मत के नाम पर बंदर-बाट कर लिया गया।

वहीं इस पूरे मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी डॉ कमल कपूर बंजारे की माने तो -‘ स्कूल जतन योजना के तहत मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. कुछ जगह बाकी है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिन जर्जर स्कूल भवनों में संचालन किया जा रहा है, उनको दो पालियों में किया जाएगा. हालांकि कैंपस के अंदर खाली पड़े जर्जर स्कूल भवन के डिस्मेंटल कराने के मामले पर उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. उन्होंने इतना जरूर कहा कि स्कूलों के प्राचार्य व प्रधान पाठकों से जानकारी मांगी गई है और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं।

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