छत्तीसगढ़ में यहां मतगणना से पहले दीवार में चुनवा दी गई ईवीएम, जानिए क्या है वजह?

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ में हाल में संपन्न हुए नगरीय निकाय चुनाव के बाद ईवीएम में प्रत्याशियों की किस्मत कैद हो चुकी है. अब 15 फरवरी को होने वाली मतगणना तक ईवीएम (EVM) को स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखने के लिए बेमतरा जिले में नवागढ़ नगर पंचायत तहसीलदार ने एक अनूठा प्रयोग किया गया है, जो चर्चा का विषय बन गया है.
नगर पंचायत नवागढ़ में तहसीलदार विनोद बंजारे ने ईवीएम की सुरक्षा को पक्का करने के लिए ईवीएम को दीवार में चुनवा दिया है. सुनने में थोड़ा अटपटा भले लग रहा है, लेकिन यह सच है. तहसीलदार द्वारा ये पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी की निगरानी के प्रत्याशियों के सामने पूरी की गई.

नगर पंचायत नवागढ़ में मतदान के बाद ईवीएम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तहसीलदार विनोद बंजारे ने बाकायदा ईवीएम को दीवार में चुनवा दिया है. तहसीलदार ने स्ट्रांग रूम में जमा ईवीएम को सीसीटीवी कैमरे के सामने प्रत्याशियों के सामने स्ट्रांग रूम को सील किया, इसके बाद स्ट्रांग रूम के दरवाजे के सामने 9 इंच की दीवार खड़ी कर दी गई.
रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा पहली बार नहीं है जब छत्तीसगढ़ में ईवीएम/ पोस्टेल बॉक्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्ट्रांग रूम के दरवाजे के सामने दीवार चुनवाई गई है. इससे पहले छत्तीसगढ़ विधानसभा के दौरान एक विधानसभा क्षेत्र में मतदान के बाद स्ट्रांग रूम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों ने दीवार चुनवा दी थी.

मंगलवार को जब जिले के नवागढ़ नगर पंचायत में स्ट्रांग रूम के सामने दीवार चुनी जा रही थी, लोगों को मुगल-ए-आजम याद आ गई. लोगों ने ईवीएम की तुलना शहजादे सलीम की मोहब्बत अनारकली से कर की. कहा जाता है अकबर ने अनारकली को दीवार में चुनाव दिया था.

ईवीएम की सुरक्षा के लिए दीवार चुनने की परंपरा निभाकर उन्होंने ईवीएम टेंपरिंग को लेकर उठ रहे सवालों को विराम लगा दिया है. अक्सर चुनाव के बाद ईवीएम टेंपरिंग को लेकर विपक्षियों द्वारा सवाल किए जाते रहते हैं, लेकिन चुनाव आयोग कई बार यह दोहरा चुका है कि ईवीएम से टेंपरिंग नामुमकिन है.